हाथरस 12 जुलाई । आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) द्वारा कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत हाथरस-आगरा रोड पर स्थापित स्वास्थ्य शिविरों, ग्राम स्तर पर संचालित संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान, एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सादाबाद का व्यापक निरीक्षण किया गया। इस दौरान जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. पवन कुमार भी साथ रहे।
कांवड़ शिविरों का निरीक्षण
नगल भुस शिविर में उपस्थित CHO आशीष शर्मा को बिना एप्रिन ड्यूटी करते पाए जाने पर CMO ने नाराज़गी जताते हुए ड्यूटी के दौरान एप्रिन पहनने के निर्देश दिए। सादाबाद शिविर में डॉ. दानवीर सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार, एवं CHO प्रियंका चतुर्वेदी उपस्थित पाई गईं। सभी आवश्यक दवाएं जैसे बैंडेज, बीटाडिन, कॉटन आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थीं। कुरसंडा मोड़ शिविर में CHO रेनू, ADओ पंचायत रामकिशन, तथा खंड शिक्षा अधिकारी आलोक सिंह उपस्थित मिले। CMO ने तैयारियों पर संतोष जताया।
ग्राम स्तरीय निरीक्षण
ग्राम चंदपा में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दस्तक अभियान के अंतर्गत ORS पैकेट वितरण, मच्छर जनित रोगों की जानकारी, नालियों की सफाई और झाड़ियों की कटाई जैसे कार्य संपन्न पाए गए। ग्राम गुरसांठी में VHND सत्र के निरीक्षण में ANM योगिता बघेल द्वारा टीकाकरण करते पाया गया। 30 बच्चों की सूची में से 8 का टीकाकरण पूर्ण था, अन्य बच्चों को लाने के लिए आशा भ्रमण पर थी।
CMO ने सभी बच्चों को विटामिन-A का सिरप देने एवं यू-विन पोर्टल पर तत्काल अपलोड के निर्देश दिए।
CHC सादाबाद का निरीक्षण
OPD रजिस्ट्रेशन कक्ष में अब तक 440 पर्चे, जिनमें 100-150 पर्चे आभा आईडी से बने थे। CMO ने निर्देश दिया कि जिनकी आभा आईडी नहीं बनी, पहले वह बनवाकर ही पर्चा बने। ARV कक्ष में आज 155 इंजेक्शन, और प्रतिदिन औसतन 150–200 ARV इंजेक्शन लग रहे हैं। X-ray कक्ष में आज दोपहर 12 बजे तक 36 एक्स-रे, जबकि कल कुल 71 एक्स-रे हुए। CMO ने 100 एक्स-रे प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित किया। प्रसूति कक्ष और NBSU में जून माह में 206 डिलीवरी, जुलाई माह में अब तक 83 डिलीवरी हुईं। CMO ने निर्देश दिए कि हर नवजात शिशु को पहले NBSU में भर्ती कर समुचित परीक्षण के बाद ही मां को सौंपा जाए, और डिलीवरी की संख्या बढ़ाने के प्रयास हों।
संचारी रोगों पर सख्त निर्देश
CMO ने निर्देश दिया कि दस्तक अभियान के तहत खांसी के मरीजों को 108 एंबुलेंस से अस्पताल लाकर एक्स-रे से जांच की जाए ताकि टीबी जैसे रोगों की समय से पहचान की जा सके।