हाथरस 08 जुलाई । उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश के आह्वान पर मंगलवार को व्यापारियों ने जीएसटी कार्यालय पहुंचकर डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम संबोधित था, जिसमें जीएसटी अधिकारियों की कार्यप्रणाली से व्यापारियों को हो रही समस्याओं का उल्लेख करते हुए उचित समाधान की मांग की गई। ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि जीएसटीआर-1 फाइल करते समय B2B और B2C लेनदेन के लिए अलग-अलग HSN समरी मांगी जा रही है, जो अनावश्यक है और इससे व्यापारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। इसके अलावा, केंद्रीय जीएसटी कार्यालय द्वारा पिछले 5 वर्षों की सूचनाएं 15 दिन में मांगी जा रही हैं और फिजिकल ऑडिट के लिए टीमें भेजी जा रही हैं, जबकि कई व्यापारियों के निर्धारण पहले ही हो चुके हैं।
व्यापारियों ने यह भी शिकायत की कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन सरेंडर करने के बाद GSTR-10 फाइल करने के बावजूद बार-बार कार्यालय बुलाया जा रहा है। साथ ही, चालान दस्तों के जरिए पूरा टैक्स जमा होने पर भी तकनीकी कमियों के नाम पर जुर्माना वसूला जा रहा है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। ज्ञापन में मांग की गई कि 40 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी पंजीकरण से मुक्त किया जाए और अधिकारियों द्वारा जबरन रजिस्ट्रेशन कराने पर रोक लगे। इसके अलावा, जीएसटी के स्लैब को कम करने, अधिकतम दर 18% तक रखने और एसआईबी जांच के दौरान जांच पूरी होने से पहले कर जमा न कराने की मांग की गई। व्यापारियों ने यह भी कहा कि बिना ठोस कारण के नोटिस भेजकर कार्यालय बुलाना अनुचित है, जिससे व्यापारी वर्ग में भय और असुरक्षा का माहौल बन रहा है।
इस अवसर पर वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष राधेश्याम अग्रवाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष गोविंद अग्रवाल, प्रांतीय अध्यक्ष (उद्योग मंच) नन्नु मल गुप्ता, प्रांतीय मंत्री कपिल अग्रवाल, महामंत्री प्रदीप गोयल, संगठन मंत्री देवेंद्र मोहता, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, जिला महामंत्री अनूप अग्रवाल, नगर अध्यक्ष मनोज बुटिया, युवा जिला अध्यक्ष नवीन गुप्ता, युवा नगर अध्यक्ष आकाश गोयल, जिला महामंत्री नितिन वार्ष्णेय, नगर महामंत्री मनोज वर्मा, युवा जिला महामंत्री गौरव अग्रवाल और युवा नगर महामंत्री यश राठी सहित अन्य व्यापारी मौजूद रहे।