सिकंदराराऊ (हसायन) 07 जुलाई । कस्बा हसायन के मोहल्ला किला खेडा में स्थित प्राचीन ऐतिहासिक झील की जमीन को लेकर पिछले कई सप्ताहों से दो पक्षों के बीच विवाद बना हुआ है। यह विवाद तब और गहरा गया जब छीतूपुर गांव निवासी एक व्यक्ति ने उक्त जमीन पर पट्टा दिखाकर स्वामित्व का दावा किया, जबकि स्थानीय निवासी कन्हैया पुत्र रूप सिंह ने इसे अपनी पैत्रक दादालाई जमीन बताया। कन्हैया का कहना है कि उक्त जमीन पर उनके पूर्वजों का वर्षों पुराना कब्जा है और वह लगातार इस भूमि की देखरेख करता आ रहा है। वहीं, छीतूपुर निवासी एक व्यक्ति ने झील क्षेत्र की ‘नॉन जेडे’ (गैर मापक) जमीन पर कथित रूप से पट्टा करा लिया और अपने स्वामित्व का दावा करने लगा।
हाल ही में राजस्व विभाग के कुछ हल्का कर्मचारी, जिनमें वर्तमान लेखपाल के साथ पूर्व में तैनात एक लेखपाल भी शामिल था, कोतवाली पुलिस बल के साथ जमीन की नाप-तौल के लिए मौके पर पहुंचे। जैसे ही नाप-तौल शुरू हुई, कन्हैया और उनके परिवार ने यह कहते हुए विरोध शुरू कर दिया कि यह उनकी पैत्रक भूमि है, जिस पर बाहरी व्यक्ति कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। विवाद बढ़ने पर मौके पर हंगामा हो गया। कन्हैया और उनके परिजनों के साथ मोहल्ले के अन्य लोगों ने भी नाप-तौल का विरोध किया। हंगामा होते ही राजस्वकर्मियों ने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पीड़ित पक्ष के दो युवकों – कन्हैया के पुत्र सतीश और बनवारी के पुत्र अशोक – को हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई। साथ ही नगर के दो पूर्व सभासदों को भी पकड़ा गया।
पीड़ित कन्हैया ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई सप्ताह से वह अपनी शिकायत लेकर अधिकारियों के पास जा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि उनकी जमीन का पुराना पट्टा दस्तावेजों में दर्ज है, फिर भी दबाव और साजिश के तहत उनके विरोध को नजरअंदाज कर पुलिस ने बिना बात सुने शांति भंग में चालान कर दिया। कन्हैया ने प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए कहा कि उनकी पैत्रक भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही है और उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है।