हाथरस 03 जुलाई । भारत सरकार लोगों के लिए बहुत तरह-तरह की योजनाएं लेकर आती है। सरकार ने साल 2018 में लोगों के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। जिसके तहत देश के लोगों को 5 लाख तक के फ्री इलाज की सुविधा दी जाती है। इसके लिए सरकार की ओर से सभी लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाता है। उस कार्ड को दिखाकर योजना में सूचीबद्ध किसी भी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्री इलाज की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। लेकिन इसके अलावा भारत सरकार एक और हेल्थ कार्ड जारी करती है। जिसे आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड यानी आभा कार्ड कहा जाता है। इस कार्ड को बनवाने के लिए सरकार की ओर से कोई भी पात्रता नहीं रखी गई है। कोई भी भारतीय इसे बनवा सकता है। आभा कार्ड लोगों के इलाज में बेहद सहायता देता है। अब आप सोच रहे होंगे क्या आयुष्मान कार्ड की जगह अवसाद का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्या यह फ्री इलाज करवाने में मदद करता है। तो बता दें ऐसा नहीं है। इलाज के लिए आपको आयुष्मान कार्ड की जरूरत होगी। लेकिन आभा कार्ड के इस्तेमाल से आपका इलाज जल्दी हो जाएगा आप सोच रहे होंगे क्या अस्पताल वाले आभा कार्ड धारक को इलाज के लिए प्राथमिकता देंगे। तो ऐसा नहीं होगा। दरअसल आभा कार्ड से आप कागजी कार्रवाई करने से बच जाएंगे। मान लीजिए आप कहीं इलाज के लिए किसी अस्पताल जा रहे हैं और आपको शुरुआत में ही सारे दस्तावेज इकट्ठे करने पड़ रहे हैं। सारी रिपोर्ट्स ढूंढनी पड़ रही है। लेकिन आभा कार्ड के जरिए आपको ना रिपोर्ट ढूंढनी पड़ेगी ना आपको और कुछ ढूंढना पड़ेगा। क्योंकि आपके इलाज से जुड़ी और आपके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी आभा कार्ड में मौजूद होती है। आप अस्पताल जाकर सिर्फ यह कार्ड दिखाएंगे और आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री हॉस्पिटल डॉक्टर चेक कर सकेंगे। आभा कार्ड एक तरह से आपका डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड कीपर की तरह होता है। इसमें एक इसमें 14 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है। यह नंबर सभी के लिए अलग-अलग होता है। इसे ऑनलाइन भी एक्सेस किया जा सकता है।
अब जिला अस्पताल में मरीजों पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। वह अपने फोन से आभा आईडी के जरिए बार कोड स्कैन कर अपना पर्चा बनवा सकते हैं। साथ ही उनका मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रिकॉर्ड में रहेगा। जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल के अलावा जिले की 4 सीएचसी व 5 पीएचसी में मरीजों के पर्चे बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत क्यूआर कोड आधारित पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई। शुभारंभ सीएमएस डॉ. सूर्य प्रकाश ने आभा आईडी से स्कैन कर एक मरीज का पर्चा बनाकर किया।सीएमएस डॉ. सूर्य प्रकाश ने कहा कि अब मरीजों पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। वह अपने फोन से आभा आईडी के जरिए बार कोड स्कैन कर अपना पर्चा बनवा सकते हैं। उससे उनके समय की बचत होगी। साथ ही उनका मेडिकल रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रिकॉर्ड में रहेगा।जिला डाटा प्रबंधक मोहम्मद आमिर ने कहा कि भारत सरकार की एबीडीएम योजना के तहत नागरिकों को डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के लिए आभा आईडी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। आभा आईडी एक यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपनी सभी स्वास्थ्य जानकारियां जैसे चिकित्सक की पर्चियां, जांच रिपोर्ट, दवाएं आदि एक ही प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रख सकता है।