हाथरस 01 जुलाई । साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के क्षेत्र में अग्रणी संस्था ब्रज कला केंद्र द्वारा शनिवार को श्री राधा कृष्ण कृपा भवन, आगरा रोड स्थित कार्यालय पर एक भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माउंट आबू से पधारे एफएम रेडियो के निदेशक बीके रमेश भाई का भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीके भावना बहन ने की, जबकि मंच संचालन की बागडोर सुप्रसिद्ध आशुकवि अनिल बोहरे ने संभाली। रेवाड़ी से पधारे बीके योगी जी विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। गोष्ठी का शुभारंभ कवि दीपक रफी द्वारा मां शारदा की वंदना से हुआ। संस्था के अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने मुख्य अतिथि रमेश भाई का स्वागत दाऊ बाबा और रेवती मैया के छवि चित्र, दुपट्टा व माला भेंटकर किया। उन्होंने अपने काव्य पाठ में कहा— “ब्रह्मा बाबा धरा पर आ जाइए, आग घर-घर लगी है बुझा जाइए”
अनिल बोहरे ने अपने विशेष अंदाज़ में प्रस्तुत किया— “जिसका हो मन बेकाबू-सुधार केंद्र मधुबन आबू”
वरिष्ठ साहित्यकार श्याम बाबू चिंतन ने सुनाया— “दर्पण में मुख दिखता लेकिन होता नाय, धन वैभव सुख ढूंढते लेकिन मिलता नाय”
अन्य कवियों की प्रस्तुतियाँ भी सराहनीय रहीं
- कवि रोशन लाल वर्मा : “बरसात की रात अति प्यारी लागे, जब चमक रहे जुगनू अति सुंदर”
- कवि पुरन सागर: “जीना क्या वह जीना है जो जिया जाए अपने लिए, जीना तो उसे कहते हैं जो जिया जाए औरों के लिए”
- कवि प्रभु दयाल प्रभु: “मां चंदा मां चांदनी मां सूरज की धूप, मां जननी मां है गुरु मां ईश्वर का रूप”
- बाबा देवी सिंह निडर: “ज्ञान, ध्यान, धन, बल, बुद्धि और विवेक पाय, सपनों समझ के अहम मत कीजिए”
- गाफिल स्वामी (इगलास): “रंग रोगन से रंग लिए कोठी महल मकान, मन की कुटिया नारंगी जिसमें है भगवान”
- बलवीर सिंह बेचैन (तोछीगढ़): “भारत माता सबकी मां है, गंगा सबका पानी। हिंदू-मुस्लिम बाद में है, हम पहले हिंदुस्तानी।”
कार्यक्रम के अंत में बीके रमेश भाई ने एफएम रेडियो की अपनी विशिष्ट शैली में प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बीके भावना बहन ने अध्यक्षीय वक्तव्य में ब्रज कला केंद्र की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बीके सुमित भाई, कपिल नरूला, संतोष उपाध्याय, पन्नालाल, जयशंकर पाराशर, हरिशंकर वर्मा समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।