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लखनऊ 24 जून । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए चलाई जा रही सामूहिक विवाह योजना की निगरानी को और अधिक सख्त करने के निर्देश दिए हैं। योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब वर-वधू दोनों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही, विवाह स्थल पर दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन के मानक निर्धारित कर उनके पालन की अनिवार्यता होगी।

समारोह में 100 या उससे अधिक जोड़ों के विवाह होने की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि पात्र परिवारों को योजना का लाभ आसानी से दिलाने के लिए कई स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब लाभार्थियों को दिए जाने वाले उपहारों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु फर्मों का चयन निदेशालय स्तर से किया जाएगा। इससे जिला स्तर पर होने वाली अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।

समारोह के दौरान मंडलीय उपनिदेशक और जिला समाज कल्याण अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। साथ ही, एक जिले के अधिकारी को दूसरे जिले में आब्जर्वर के रूप में भेजा जाएगा, जो किसी भी अनियमितता की स्थिति में सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे। योजना के प्रभारी उप निदेशक, समाज कल्याण आर.पी. सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 में लगभग एक लाख जोड़ों का विवाह करवाने का लक्ष्य तय किया गया है।

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