सिकंदराराऊ (हसायन) 22 जून । सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस पर आचार्य सोनू ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान कलियुग में संसारिक जीवों को पाश्चात्य संस्कृति के दुष्प्रभाव से स्वयं को और अपने परिवार को बचाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और आधुनिक दिखावे की दुनिया से दूरी बनाकर ही हम अपनी वास्तविक जीवन शैली को सच्चे अर्थों में बेहतर बना सकते हैं। यह प्रवचन कस्बा हसायन के मोहल्ला अहीरान स्थित प्राचीन मेला जल बिहार के आयोजन स्थल पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन रविवार को हुआ। आचार्य ने कहा कि आज का मानव पाश्चात्य प्रभावों के मोहजाल में फंसकर अपने वैवाहिक व पारिवारिक जीवन को स्वयं संकट में डाल रहा है। उन्होंने सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग की चर्चा करते हुए कहा कि कलियुग में भी धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और नियमित पाठ ही जीवन को दिशा देने का श्रेष्ठ मार्ग है।
आचार्य सोनू ने कथा के दौरान श्रद्धालुओं को बताया कि किसी भी धार्मिक आयोजन से पूर्व कलश स्थापना, मंगलाचरण, हवन और यज्ञ जैसे शुभ कार्य अवश्य किए जाने चाहिए, जिससे वातावरण भी शुद्ध होता है और धार्मिक ऊर्जा का संचार होता है। कथा के प्रथम दिवस की समाप्ति पर आयोजकों द्वारा श्रीमद भागवत की आरती उतारी गई और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।