हाथरस 21 जून । हाथरस में डीएम चालक राकेश शर्मा की बेटी कल्पिता शर्मा हत्याकांड में पुलिस ने दो और आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। पूछताछ में सामने आया है कि कल्पिता की हत्या की साजिश पहले मथुरा में रची गई थी, लेकिन मौका न मिलने पर उसे हाथरस के तहसील गेट पर गोली मार दी गई।
गिरफ्तार हुए आरोपी अभिषेक और भारत, एक घायल
20 जून की सुबह दयानतपुर नहर पुल के पास किंदौली गांव की ओर जाने वाली पटरी पर पुलिस की दोनों आरोपियों से मुठभेड़ हुई। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में अभिषेक के पैर में गोली लगी, जबकि उसका साथी भारत भागने की कोशिश में दबोच लिया गया।
एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि दोनों अभियुक्त बाइक से फरार हो रहे थे और इनके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं।
कल्पिता की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी अभी भी फरार
14 जून को तहसील गेट के पास गोली मारकर की गई कल्पिता की हत्या में पहले से नामजद आरोपी गुलशन भारद्वाज, कल्पिता की भाभी ज्योति, बुआ गायत्री, सूरजपाल और नवीन हैं।
पुलिस पहले ही नवीन को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मुख्य साजिशकर्ता गुलशन अब तक फरार है, जिससे कई महत्वपूर्ण जानकारी अब भी अधूरी है।
मथुरा में थी हत्या की पहली योजना, ट्रेन से पीछा किया गया
पुलिस जांच के अनुसार, कल्पिता मथुरा के सरकारी अस्पताल में नर्स की प्रैक्टिस करती थी। घटना वाले दिन वह ट्रेन से मथुरा से हाथरस आई थी, उसी ट्रेन में गुलशन और साथी भी सफर कर रहे थे।
कल्पिता के ई-रिक्शा में घर तक पहुंचने के कारण मौके की तलाश में रहे आरोपी, बाद में तहसील गेट पर रेकी के बाद हमला किया गया। आरोपियों ने स्वीकार किया है कि यदि गुलशन गोली चलाने में चूकता तो अभिषेक ने गोली मारनी थी, यानी हत्या की पूरी प्लानिंग और बैकअप योजना पहले से तैयार थी।
हत्या के बाद धर्मशाला में रुके, पैसे बांटे और फिर हुए फरार
वारदात के बाद गुलशन, अभिषेक और भारत बाइक से अलीगढ़ पहुंचे, फिर वहां से बुलंदशहर के राजघाट इलाके की एक धर्मशाला में रुके। यहाँ गुलशन ने दोनों साथियों को पांच-पांच हजार रुपये दिए और एक नियत स्थान पर मिलने की बात कहकर तीनों अलग हो गए।
नवीन करता था रेकी, मोबाइल से हुई ट्रैकिंग
मथुरा की एक निजी लैब में कार्यरत आरोपी नवीन कल्पिता पर कई दिनों से नजर रख रहा था। ट्रेन से यात्रा, अस्पताल आना-जाना और हाथरस लौटने तक की सारी जानकारी गुलशन को देता था।
हत्या के बाद नवीन तुरंत रेलवे स्टेशन पहुंचा और ट्रेन से मथुरा लौट गया, ताकि शक न हो।
बाइक की पहचान छुपाने के लिए रंग बदलवाया गया
घटना में प्रयोग की गई दो बाइकों में से एक अपाचे बाइक को सफेद से काले रंग से लमिनेट कर पहचान छुपाने का प्रयास किया गया।
गुलशन और नवीन बुलेट बाइक पर, जबकि अभिषेक और भारत अपाचे बाइक पर थे। यह भी सामने आया है कि भारत तेज बाइक चलाने का अनुभव रखता था और फरार होने में सहायक बना।
गुलशन ने हत्या के बाद साथी का मोबाइल इस्तेमाल किया
हत्या के तुरंत बाद हतीसा पुल पर तीनों की मुलाकात हुई। वहां भारत ने गुलशन को अपना मोबाइल दिया, जिससे गुलशन ने घटना के बाद सभी संपर्क बनाए।
जांच जारी, मुख्य साजिशकर्ता की तलाश में पुलिस
पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को पकड़ लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी गुलशन भारद्वाज की गिरफ्तारी अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
पुलिस की टीमें अलीगढ़, मथुरा, बुलंदशहर और दिल्ली एनसीआर में लगातार दबिश दे रही हैं।