नई दिल्ली 21 जून । देश में बीते तीन-चार महीनों के दौरान हुई आतंकी घटनाएं और विमान हादसे ने पर्यटन और यात्रा व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहलगाम में आतंकी हमला, भारत-पाक संघर्ष, और एयर इंडिया की विमान दुर्घटना के बाद आम यात्रियों में गहरा भय और असमंजस देखने को मिल रहा है। इससे टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री पर नकारात्मक असर पड़ा है।
“लोग अब यात्रा से डर रहे हैं” – निराली शाह, एडमिन ऑफिसर
मुंबई स्थित एक प्रतिष्ठित टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी की एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर निराली शाह ने बताया “पहलगाम की घटना के बाद से ही पर्यटक कहीं भी जाने से हिचक रहे हैं। अब एयर इंडिया हादसे के बाद तो ग्राहक यात्रा की योजना ही टाल रहे हैं। कॉल्स और पूछताछ में जबरदस्त गिरावट आई है।” उन्होंने बताया कि जहां पहले लोग व्यावसायिक यात्राओं के लिए हवाई मार्ग को प्राथमिकता देते थे, अब वे या तो ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं या यात्राएं रद्द कर रहे हैं।
पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इस घटना के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। कुल 9 आतंकी अड्डों को तबाह किया गया, और दर्जनों आतंकवादी मारे गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत ने पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को नष्ट किया। जवाब में पाकिस्तान ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे दोनों देशों ने बातचीत के बाद लागू कर दिया। हालांकि हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं।
एयर इंडिया विमान हादसा – 270 से अधिक की मौत
12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। विमान में सवार 241 यात्रियों में से 240 की मौत हो गई, वहीं हादसे की चपेट में आकर 29 स्थानीय लोग भी जान गंवा बैठे। विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, जिससे नुकसान और अधिक बढ़ गया। अब तक डीएनए जांच के ज़रिए शवों की पहचान और उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है।
पर्यटन और ट्रैवल व्यवसाय की स्थिति बेहद खराब
उपरोक्त घटनाओं ने केवल यात्रियों को ही नहीं, बल्कि होटल, गाइड, एजेंट और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। निराली शाह ने बताया “हम हफ्ते में 100 से अधिक हवाई टिकट बुक किया करते थे, अब वो संख्या 10 से नीचे आ गई है। कई पुराने ग्राहक भी अब यात्रा टाल रहे हैं।”
क्या निकलेगा कोई हल?
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को सुरक्षा भरोसे और ट्रैवल इंश्योरेंस जैसे उपायों को मजबूत करना होगा ताकि लोग फिर से यात्रा करने का आत्मविश्वास पा सकें।