हाथरस 21 जून । 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के शुभ अवसर पर “स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है” इस मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए एक विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें समाज की जागरूक महिलाओं ने भाग लेकर योग के प्रति समर्पण और जागरूकता का परिचय दिया। इस योग सत्र में आई पी पी गीता वार्ष्णेय, प्रेसिडेंट पूजा वार्ष्णेय, सचिव प्रभा वार्ष्णेय, तथा नीरू वार्ष्णेय, अर्चना अग्रवाल, ईशा वार्ष्णेय, डिंपल वार्ष्णेय सहित अन्य सखियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी ने मिलकर विभिन्न योगासन जैसे सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वज्रासन, अनुलोम-विलोम और कपालभाति का अभ्यास किया।
इस अवसर पर प्रतिभागियों ने मिलकर यह संदेश दिया कि “पैसे के पीछे भागता मन और रोगों से पीड़ित तन — इससे छुटकारा पाने का सरल उपाय है योग। योग अपनाओ, जीवन में संतुलन लाओ। योग भारतीय प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है जिसकी शुरुआत लगभग 5000 वर्ष पूर्व हुई थी। भारत को योग की जन्मभूमि माना जाता है और महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है। यह एक ऐसी विधा है जो मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से बल प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से वर्ष 2015 से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सम्पूर्ण मानवता को योग के लाभों से परिचित कराना और इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना है। पहला योग दिवस राजपथ, दिल्ली में ऐतिहासिक रूप से मनाया गया था। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे प्रतिदिन योग करके अपने परिवार और समाज को निरोग रखने की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहेंगे।