हाथरस 20 जून । जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं लगातार संसाधनों की कमी से जूझ रही हैं। 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में से 14 केंद्रों पर लैब टेक्नीशियन की तैनाती नहीं है, जिससे मरीजों को बुनियादी जांच सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में कुल 15 लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से सिर्फ 11 पदों पर ही तैनाती की गई है। शेष 14 पीएचसी लैब टेक्नीशियन विहीन हैं, जहां जांच मशीनें तो उपलब्ध हैं, लेकिन तकनीशियन न होने से मरीजों के खून, यूरिन, शुगर जैसी सामान्य जांचें भी नहीं हो पा रहीं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पैथोलॉजिकल जांचें प्राथमिक उपचार का आधार होती हैं। इनके बिना सटीक इलाज संभव नहीं। ऐसे में लैब टेक्नीशियन की कमी से ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद कमजोर हो जाती है।
टिकारी पीएचसी पर 200 मरीज, पर जांच की सुविधा नहीं
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टिकारी पर प्रतिदिन लगभग 200 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां लैब टेक्नीशियन न होने के कारण किसी भी प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच नहीं हो पा रही। मरीजों को या तो सीएचसी या जिला अस्पताल जाना पड़ता है, या फिर निजी लैबों का सहारा लेना पड़ता है।
सादाबाद क्षेत्र की स्थिति चिंताजनक
सादाबाद ब्लॉक की स्थिति और भी चिंताजनक है। यहां की पांच पीएचसी में से केवल बिसावर में ही लैब टेक्नीशियन तैनात है। बाक़ी ऊंचागांव, जैतई, बिलारा और मई पीएचसी लैब टेक्नीशियन विहीन हैं। मरीजों को खून की मुफ्त जांच के लिए सीएचसी सादाबाद जाना पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग की सफाई
एमओआईसी दानवीर सिंह ने बताया कि इन चारों पीएचसी पर लैब टेक्नीशियन के पद ही स्वीकृत नहीं हैं। नोडल व एसीएमओ हाथरस डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सीमित संसाधनों में भी मरीजों को सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में 25 पीएचसी के सापेक्ष 15 लैब टेक्नीशियन के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 11 पर तैनाती है। टेक्नीशियनों को अतिरिक्त प्रभार देकर जांच सेवाएं चलाने का प्रयास किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि सीमित संसाधनों में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मिले।