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अहमदाबाद 19 जून । 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें विमान में सवार 241 यात्रियों की मौत हो गई। इस हृदयविदारक हादसे में एक यात्री जीवित बचा, जबकि जमीन पर मौजूद 29 लोग, जिनमें पांच एमबीबीएस छात्र भी शामिल थे, हादसे का शिकार हो गए। हादसे के बाद मलबे से शवों और यात्रियों का सामान बरामद किया गया। इसी दौरान सोने के आभूषण, नकदी और अमेरिकी डॉलर भी मलबे से मिले। घटना स्थल के पास रहने वाले राजेश पटेल, हादसे के तत्काल बाद राहत और बचाव कार्य में जुटे। राजेश ने कई घायलों को अस्पताल पहुँचाने में मदद की और बाद में मलबे में जलते विमान के बीच से 70 तोले सोने के गहने, लगभग ₹50,000 नकद और कुछ डॉलर बरामद कर पुलिस को सौंप दिए।

राजेश ने बताया, “मैं घटनास्थल से 300 मीटर दूर रहता हूँ। आग और चीखों की आवाज सुनकर मैं तुरंत दौड़ा और घायलों को एंबुलेंस तक पहुंचाया। बाद में जब पुलिस आई, तब तक कुछ कीमती सामान जल चुका था। जो भी बचा था, उसे मैंने पुलिस को दे दिया।”

यह कीमती सामान किसका है और किसे मिलेगा?

इस तरह के मामलों में सभी बरामद कीमती वस्तुएं पुलिस के पास जमा होती हैं और उन्हें एक पंचनामा के तहत ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) या संबंधित प्रशासन को सौंपा जाता है। प्रशासन, डीएनए परीक्षण, यात्रियों की सूची, और परिजनों के दावों के आधार पर यह तय करता है कि कौन-सी वस्तु किस मृतक की थी। मृतकों के परिजनों द्वारा वैध दस्तावेज़ प्रस्तुत किए जाने के बाद ही उन्हें वह सामान सौंपा जाता है।यदि कोई सामान बिना दावे के रह जाता है, तो कुछ समय की वैधानिक प्रक्रिया (जैसे 6 माह की प्रतीक्षा) के बाद वह सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाता है।

राजेश पटेल को क्या मिलेगा?

हालाँकि राजेश पटेल ने बहादुरी और ईमानदारी से कीमती सामान पुलिस को सौंपा है, लेकिन कानून के अनुसार उन्हें उसका मालिकाना हक नहीं मिल सकता। लेकिन उनकी इस ईमानदारी के लिए राज्य सरकार या प्रशासन द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा सकता है। पुलिस विभाग की ओर से उन्हें प्रशंसा पत्र या पुरस्कार दिया जा सक

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