हाथरस 15 जून । व्यक्ति के मानव अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए कार्यरत संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स (एडीएचआर) द्वारा एक और मानवीय कार्य करते हुए एक अज्ञात शव का धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार कराया गया। यह शव कोतवाली हाथरस जंक्शन क्षेत्र के दोहरपुर रेलवे ट्रैक के पीछे बरामद हुआ था। मृतक की उम्र लगभग 42 वर्ष आंकी गई है। उसने नीली टी-शर्ट, आसमानी ट्राउजर, बादामी टोपी और काले जूते पहन रखे थे। पुलिस द्वारा शव की शिनाख्त के प्रयास किए गए और 72 घंटे तक शव को सुरक्षित रखा गया, लेकिन पहचान न होने पर उसे लावारिस घोषित कर पोस्टमार्टम कराया गया।
इसके पश्चात थाना पुलिस द्वारा समाजसेवी सुनीत आर्य और प्रवीन वार्ष्णेय (राष्ट्रीय महासचिव, एडीएचआर) से संपर्क कर शव के अंतिम संस्कार की व्यवस्था हेतु अनुरोध किया गया। दोनों समाजसेवियों ने इस मानवीय कार्य को सहर्ष स्वीकार किया और हिंदू धर्म की परंपराओं के अनुसार विधिवत दाह संस्कार कराया। इस कार्य में एडीएचआर के पदाधिकारी महेश चंद्र अग्रवाल एवं अभिषेक अग्रवाल ने पूर्ण सहयोग प्रदान किया। अंतिम संस्कार में प्रमुख रूप से एनएसएस अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, आयोग दीपक, बंटी भाई कपड़े वाले, तरुण राघव, नीरज गोयल, दीपांशु वार्ष्णेय, सतेन्द्र मोहन, कांस्टेबल आकाश ठाकुर, एवं होमगार्ड राम भरोसे सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस प्रकार एडीएचआर संस्था ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि मानव अधिकार केवल जीवित व्यक्ति तक सीमित नहीं, बल्कि मृतकों की गरिमा की रक्षा भी मानवता का अहम हिस्सा है।