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नई दिल्ली 14 जून । भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स के लिए नए नियम लेकर आई है। अब यात्रियों को सीट कन्फर्म हुई या नहीं इसकी जानकारी ट्रेन निकलने के एक दिन पहले पता चल जाएगी। रेलवे ने अब चार्ट बनाने का समय ट्रेन के चलने से 24 घंटे पहले कर दिया है। अभी सिर्फ 4 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट बनाया जाता था। ऐसे में वेटिंग टिकट वालों को आखिरी वक्त तक कंफर्मेशन का इंतजार करना पड़ता था। यह नियम 6 जून से बीकानेर डिवीजन में लागू किया गया है। धीरे-धीरे इसे देशभर के अन्य डिवीजनों में भी लागू किया जाएगा।

तत्काल टिकट बुकिंग पर लागू नहीं होगा ये नियम

रेलवे ने यह भी कहा कि नए नियम से तत्काल टिकट बुकिंग या अन्य नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा। तत्काल टिकट यात्रा से एक दिन पहले बुक किए जाएंगे और उनकी कंफर्मेशन प्रक्रिया पहले के जैसे ही रहेगी। वेटिंग टिकट पर स्लीपर-AC कोच में सफर नहीं कर सकेंगे।  इससे पहले भारतीय रेलवे ने 1 मई से वेटिंग टिकट के लिए नए नियम लागू किए थे। इनके अनुसार, वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को अब स्लीपर या AC कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। जिन यात्रियों के टिकट वेटिंग लिस्ट में हैं, वे अब सिर्फ जनरल कोच में ही सफर कर सकेंगे। अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट पर AC या स्लीपर कोच में यात्रा करता हुआ पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगेगा।

उल्लंघन के लिए जुर्माना

  • AC के लिए जुर्माना: ₹440
  • स्लीपर के लिए जुर्माना: ₹250
  • इसके अलावा, आपको ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से लेकर उस स्टेशन तक का किराया देना होगा, जहां आप पकड़े गए हैं।

कन्फर्म न होने पर टिकट अपने-आप रद्द हो जाएंगे

रेवले ने बताया कि IRCTC के जरिए बुक किए गए टिकट कन्फर्म न होने पर अपने आप रद्द हो जाते हैं, लेकिन काउंटर से बुक किए गए टिकट का इस्तेमाल लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए करते हैं। इस वजह से कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को असुविधा होती है। 1 मई, 2025 से लागू होने वाला एक और नियम यह है कि IRCTC की वेबसाइट या ऐप से बुक की जाने वाली हर ट्रेन टिकट के लिए OTP-आधारित मोबाइल सत्यापन की आवश्यकता होगी। इस उपाय का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना और बुकिंग प्रणाली के दुरुपयोग को रोकना है।

वेटिंग टिकट का स्लीपर क्लास से फर्स्ट-AC में अपग्रेड भी बंद

21 मई को भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट टिकट से जुड़े ऑटो अपग्रेड प्रक्रिया में बदलाव किए थे। IRCTC के अनुसार, स्लीपर क्लास के टिकट फर्स्ट AC में अपग्रेड नहीं किए जाएंगे, भले ही बर्थ खाली हों। अब तक, वेटिंग लिस्ट वाले यात्री का टिकट सीट अवेलेबल न होने पर बुकिंग की गई कैटेगरी से ऊपर की कैटेगरी में अपग्रेड कर दिया जाता था, लेकिन इस नियम को बदल दिया गया है। यह बदलाव ट्रेन में रिजर्व्ड कोचों में सीट बांटने को अधिक व्यवस्थित करने और हायर कैटेगिरी के कोचों में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए किया गया है। सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉरमेशन सिस्टम (CRIS) इस नए नियम को लागू करने के लिए अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर रही है।

स्लीपर टिकट दो क्लास ऊपर तक ही अपग्रेड होगा

नए नियम के अनुसार, अब स्लीपर क्लास के टिकट को केवल दो श्रेणी ऊपर तक ही अपग्रेड किया जाएगा। उदाहरण के लिए- स्लीपर क्लास (SL) टिकट को अधिकतम थर्ड AC (3A) या सेकेंड AC (2A) में अपग्रेड किया जा सकता है, लेकिन फर्स्ट एसी (1A) में नहीं। इसी तरह, थर्ड AC (3A) के टिकट को अधिकतम फर्स्ट AC (1A) में अपग्रेड किया जा सकता है। पहले, अगर स्लीपर क्लास या अन्य लोअर क्लास के टिकट वेटिंग लिस्ट पर होते थे और हायर क्लास (जैसे 3A, 2A या 1A) में सीटें उपलब्ध होती थीं, तो यात्रियों को ऑटोमेटिक फर्स्ट AC (1A) तक अपग्रेड किया जा सकता था।

PNR और रिफंड के लिए नियम

अपग्रेड होने पर भी वेटिंग टिकट का PNR नंबर वही रहेगा, जिसका उपयोग यात्रा विवरण ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। यदि अपग्रेड किया गया टिकट कैंसिल किया जाता है, तो रिफंड मूल बुकिंग क्लास (जैसे स्लीपर) के किराए के आधार पर होगा, न कि अपग्रेडेड क्लास (जैसे 2A) के आधार पर।

अब आम यात्रियों को तत्काल टिकट आसानी से मिलेगा पहले 10 मिनट सिर्फ आधार OTP से कर सकेंगे बुकिंग, कालाबाजारी कम होगी। अगर आप भी ट्रेन के तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं और हर बार “No Ticket Available” दिखाता है, तो अब तत्काल टिकट बुक करने की समस्या कम होने वाली है। रेलवे तत्काल टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव करने जा रही है। जल्द ही टिकट बुकिंग के वक्त ई-आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए इसकी जानकारी दी।

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