सादाबाद 13 जून । मिढ़ावली स्थित राजकीय स्कूल को उच्चीकृत कराए जाने के संबंध में दाखिल याचिका पर प्रधानाचार्य द्वारा झूठी रिपोर्ट प्रेषित किए जाने के मामले में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को शिकायत की गई है। आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ समिति बनाकर जांच कराए जाने और कार्रवाई की मांग की गई।
मोहिनी व तीन अन्य द्वारा उच्च न्यायालय में राजकीय हाईस्कूल मिढ़ावली को उच्चीकृत कराए जाने के संबंध में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 17 अप्रैल 2025 को आदेश पारित किया था कि जल्द से जल्द इसका निस्तारण किया जाए। इसके संबंध में राजकीय हाईस्कूल के प्रधानाचार्य ने झूठी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी, जिससे राजकीय हाईस्कूल को उच्चीकृत किए जाने के रास्ते बंद हो गए। आरोपी प्रधानाचार्य ने रिपोर्ट में क्षेत्र के तमाम दूर दराज विद्यालयों की दूरी कम दर्शाकर सूची तैयार कर दी, जिससे राजकीय हाईस्कूल उच्चीकृत न हो सके और वह उक्त पद पर रहकर तमाम अनैतिक लाभ लेते रहे। शिकायत में बताया गया है कि सूची में ऐसे विद्यालय, इंटर कॉलेज के नाम है, जो राजकीय हाईस्कूल से 16 किलोमीटर तक दूर है। जबकि उनकी दूरी 10 किलोमीटर के दायरे में दिखाई गई है। विद्यालय में अधिकतर अनुसूचित जाति और कुछ पिछड़ी जाति के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इससे इन बच्चों का भविष्य अंधकार में दिखाई देता है। मिढ़ावली के आसपास के तमाम गांव के बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करते हैं। उनके अभिभावकों के लिए बच्चों को दूर भेजकर उन्हें शिक्षित किया जाना संभव नहीं है। शिकायत में ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि प्रधानाचार्य का व्यवहार अभिभावकों के प्रति अच्छा नहीं रहता और वह पूरी तरह से मनमानी कर रहे हैं, अपने ढंग से राजकीय हाईस्कूल का संचालन कर रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने वरिष्ठ शिक्षकों की समिति बनाकर इस मामले की जांच कराकर प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।