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‌सिकंदराराऊ 22 अप्रैल । ब्राह्मणपुरी पुरानी तहसील रोड स्थित शिशु शिक्षा मंदिर पेड़ वाले स्कूल का 55 वां वार्षिकोत्सव मंगलवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति देकर बच्चों ने उपस्थित लोगों को मंत्रम मुग्ध कर दिया। लोगों ने कार्यक्रम की भूरि -भरि सराहना की। शानदार प्रस्तुति ने सभी लोगों में देशभक्ति का संचार कर दिया। वहीं शिव तांडव , महाभारत नाटक, छोटे-छोटे तमाशे , सेव वाटर, बबम बम लहरी, केसरिया भारत, अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम , दिल में मार्स , घर मोरे परदेसिया, जागा हिंदुस्तान , राधा राधा कृष्ण, गरबा नृत्य आदि अनेक कार्यक्रम ऐसे रहे जिनकी प्रस्तुति ने लोगों को अचंभित कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके मुख्य अतिथि विधायक वीरेंद्र सिंह राणा एवं प्रबंधक मुनेश चतुर्वेदी ने किया वहीं वित्तविहीन शिक्षक महासभा के आगरा खंड प्रभारी पवन शर्मा, भाजपा जिला कोषाध्यक्ष पंकज गुप्ता, प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष राजेश चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक डॉ सुभाष चंद्र शर्मा ने की एवं संचालन पत्रकार विनय चतुर्वेदी ने किया।

मुख्य अतिथि विधायक वीरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि बच्चों को शिक्षकों एवं अभिभावकों से अच्छे संस्कार की प्राप्ति होना आवश्यक है। संस्कारवान बच्चे देश और समाज को दिशा दिखाने का काम करते हैं । बच्चों को माता-पिता एवं शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए। शिशु शिक्षा मंदिर एक ऐसा विद्यालय है, जहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी दिए जाते हैं। बच्चों को देश के महान व्यक्तियों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारा देश ऋषि मुनियों का देश है। जब बच्चे शिक्षित होंगे तभी राष्ट्र की नींव मजबूत होगी। मजबूत नींव पर ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है।

विशिष्ट अतिथि वित्तविहीन शिक्षक महासभा के आगरा खंड प्रभारी पवन शर्मा ने कहा कि शिक्षक धन्य हैं जो बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ उनका बौद्धिक एवं व्यवहारिक ज्ञान बढ़ाने का कार्य करते हैं। शिशु शिक्षा मंदिर द्वारा दी जा रही बेहतर शिक्षा सराहनीय है।बच्चों द्वारा दी गई कार्यक्रमों की प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय है। संस्कार युक्त शिक्षा ऐसे ही स्कूलों में मिल रही है अन्यथा बहुत से स्कूलों में संस्कारों का मजाक बनाया जा रहा है । भारत तब मजबूत होगा जब भारतीय संस्कृति और संस्कार जिंदा रहेंगे। सभी माता-पिता अपने बेटों को बेटियों का सम्मान करने की सीख दें।

प्रबंधक मुनेश चतुर्वेदी गुरु जी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम बच्चों का चहुंमुखी विकास करने का उद्देश्य पूरा कर सकें। विद्यालय के साथ-साथ अभिभावकों को भी बच्चों की शिक्षा और संस्कारों पर ध्यान देना चाहिए।
डायरेक्टर मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चों को जितना हो सके मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रखें । मोबाइल का दुरुपयोग करने से बच्चे रास्ता भटक कर उन्नति की बजाय पतन की ओर चले जाते हैं। नियमित दिनचर्या और अनुशासन के बल पर बच्चे अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं। यही सफलता का मूल मंत्र है। अपने कार्य को ईमानदारी और निष्ठा का साथ करके प्रत्येक व्यक्ति देश हित में योगदान दे सकता है।
प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी ने अंत में सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विद्यालय के मेधावी छात्र-छात्राओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को पुरस्कार बांटे गए। वहीं अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रबंधक मुनेश चतुर्वेदी, रमेश चतुर्वेदी, विनय चतुर्वेदी, प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी ,मित्रेश चतुर्वेदी, राजीव चतुर्वेदी, पूर्वेंद्र शर्मा, आलोक उपाध्याय, मोहित उपाध्याय, पंकज गुप्ता, प्रदीप गर्ग, मीरा माहेश्वरी, प्रवीण वार्ष्णेय, रवि शर्मा, योगेश उपाध्याय, श्रीकृष्ण दीक्षित, जहीरूद्दीन पीरजादा, मुकुल गुप्ता, प्रचार्य डॉ शादाब खान, लल्ला बाबू शर्मा, प्राचार्य डॉ अरविंद भारद्वाज, विशाल राज चौहान, लकी शर्मा, शुभम वार्ष्णेय, संजीव गौतम, धीरू वर्मा, पंकज पंडा, आरके सिंह जादौन, हरपाल यादव, महेश यादव संघर्षी, धर्मेंद्र शर्मा, अभिषेक वार्ष्णेय, मुनेश शर्मा, निर्मल दास, विनोद कुमार, डॉ अवनीश यादव, अशोक दीक्षित आदि मौजूद रहे।

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