मथुरा 20 मार्च । केडी मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा लगभग 6 घंटे के अथक प्रयासों से ह्विपल सर्जरी के माध्यम से गम्भीर कैंसर पीड़ित गांव भादल, मथुरा निवासी सोहन (73) पुत्र सूरज पाल की जान बचाई जा सकी। सोहन अग्नाशय में ट्यूमर से पीड़ित था। सर्जरी के बाद मरीज के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हो रहा है।
जानकारी के अनुसार सोहन लगभग एक महीने से पेट दर्द, बुखार, आंखों में पीलापन, भूख न लगने, पीला पेशाब, कब्ज, वजन कम होने आदि से परेशान था। परिजन उसे गम्भीर अवस्था में 6 मार्च को के.डी. हॉस्पिटल लाए तथा विशेषज्ञ कैंसर एण्ड ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयंक माथुर से मिले। डॉ. माथुर ने मरीज की खून की जांच, छाती का एक्सरा, पेट की सोनोग्राफी और सीटी स्कैन कराई जिससे पता चला कि उसके अग्नाशय के सिर में ट्यूमर है। बीमारी का पता लगने के बाद डॉ. माथुर ने परिजनों को मरीज के ऑपरेशन की सलाह दी।
परिजनों की स्वीकृति के बाद 10 मार्च को डॉ. मयंक माथुर और उनकी टीम द्वारा मरीज का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन लगभग 6 घंटे चला। इस सर्जरी में चिकित्सकों द्वारा अग्नाशय के सिर, छोटी आंत के पहले हिस्से, पित्त नली के पिछले हिस्से तथा पित्ताशय को निकाला गया। ऑपरेशन बहुत जोखिम भरा था लेकिन चिकित्सकों की सूझबूझ से सफल रहा। इस सर्जरी में डॉ. मयंक माथुर का सहयोग डॉ. दलवीर, डॉ. प्रदीप सेठ, डॉ. अनेरी, डॉ. विनायका, डॉ. कमल, डॉ, अर्पित, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना, ओटी टेक्नीशियन रवि सैनी एवं शिवम सैनी ने किया।
डॉ. माथुर का कहना है कि ह्विपल सर्जरी अग्नाशय के कैंसर को ठीक करने के लिए की जाती है। पेरियाम्पुलैपी कार्सिलैपी को वेटर के एम्फला के आसपास के कैंसर के रूप में जाना जाता है। यह जटिल बीमारी है, जिसमें अग्नाशय, एम्फलरी, पित्त और ग्रहणी सम्बन्धी कैंसर शामिल है। उन्होंने बताया कि अग्नाशय शरीर में पाचन क्रिया को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
डॉक्टर माथुर का कहना है कि इस तरह के जटिल कैंसर का इलाज विशेषज्ञ सर्जन तथा अनुभवी टीम के माध्यम से ही सम्भव है। उन्होंने कहा कि के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि हर तरह की तकनीकी सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन हैं लिहाजा यहां हर तरह की सर्जरी और उपचार सम्भव है। डॉ. माथुर ने बताया कि सर्जरी के बाद सोहन का जीवनकाल बढ़ने की सम्भावना है। वह अब पहले से बेहतर महसूस कर रहा है। अगर यह ऑपरेशन समय से नहीं होता तो उसकी हालत और बिगड़ सकती थी।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए मरीज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।