हाथरस 15 मार्च । विदाई तो आपने बहुत देखी होंगी, पर धूमधाम से हुई शादी के बाद एक विदाई ऐसी भी है जिसे हमेशा याद रखा जाएगा I डोली से विदाई सभी के लिए यादगार हो गई. यह बारात हाथरस में गजरौला से आई थी जहां पर दूल्हा दुल्हन को डोली से विदा कराकर ले गया I हाथरस में हुई एक शादी के बाद जब विदाई की बेला आयी तो डोली देख लोग आश्चर्य में पड़ गयेIजब डोली में दुल्हन की विदाई हुई, तो वर्षों पुरानी परंपरा फिर से जीवंत हो गयी। शहर के लेबर कॉलोनी निवासी रोटरी क्लब के देवेंद्र कुमार शर्मा एवं मीनाक्षी शर्मा के यहां बेटी डॉ अंशिका शर्मा की बरात आयी थी। दूल्हा अमेरिका से लौटे सॉफ्टवेयर इंजीनियर आयुष भारद्वाज हाथरस बारात लेके आये। विवाह के अगले दिन सुबह दुल्हन को डोली में बैठाकर जैसे ही ‘चलो रे डोली उठाओ कहार गाना बजा .. विदाई देखने के लिए काफी लोग जुट गये। खास बात यह थी कि देवेंद्र कुमार शर्मा एवं मीनाक्षी शर्मा ने अपने समाज की वर्षों पुरानी परंपरा को पुन: अपनाया और बेटी की घर से विदाई डोली पर की।
विलुप्त हो रही डोली की प्रथा
देवेंद्र कुमार शर्मा एवं मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि उनकी योजना के अनुसार विदाई के लिए डोली बनायी गयीI जिसे उठाने के लिए चार युवक को तैयार किया डोली के पीछे-पीछे बच्चे साथ जा रहे थे। एक जमाना था जब, डोली से दुल्हन और घोड़ी पर दूल्हा की विदाई होती थी, लेकिन बदलते दौर के इस वक्त में डोली की प्रथा अब धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रही है। हेलीकाप्टर से दुल्हन की विदाई की नई चलन के दौर में पुरानी परंपरा को जीवंत देख लोग दंग रह गये। शहर में इस शादी की काफी चर्चा हो रही है।