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हाथरस 24 जनवरी । उद्योगपति एवं समाजसेवी विनोद बंसल की प्रथम पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठ दिवस पर भागवत कथा व्यास आचार्य वल्लभ जी महाराज ने महारास का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में सत्संग का होना बहुत जरूरी है। सत्संग करने से हमें अच्छे संस्कार आते हैं। जिससे विचार अच्छे होते हैं और विचार अच्छा होने से मन अच्छा होगा। अच्छा मन से भगवान तो प्रसन्न होते ही हैं। साथ ही कार्य क्षेत्र में भी उन्नति होती है।

महाराज जी ने श्रद्धालुओं से कहा कि जीवन में समर्पण भाव होना चाहिए। कथा में वर्णन आता है कि संमुख हुए जीव मोहे जवाई जन्म कोटि अघ ना सही अर्थात भगवान का यह सत्य वचन है कि यदि जीव मुझे समर्पण कर देता है, तन मन से समर्पित हो जाता है तब में उसके समस्त पाप ताप साप उसी समय नष्ट कर देता हूं। हमें भगवान के प्रति समर्पण होना चाहिए। हम शरीर से संसार के कार्य करें। अपने मन और बुद्धि से प्रभु के हो कर रहे। उनका स्मरण और उनका धन्यवाद करते रहना चाहिए। यही सास्वत भजन, त्याग ओर तपस्या है। ऐसे जीव की सद्गति निश्चित रूप से हो जाती है यही भाव सबसे उत्तम है। माता रुक्मणी ने भी समर्पण भाव से श्री कृष्ण को याद कर सर्वस्व मान कर विवाह निवेदन किया। जिसके बाद श्री कृष्ण ने लीला कर माता रुक्मणी से विवाह किया।

इस अवसर पर धूमधाम से श्री कृष्ण की बरात निकाली गई। कृष्ण-रुक्मणी विवाह की झांकी सजाई गई। इस मौके पर आशीष बंसल, अमित ने बंसल व्यासपीठ का पूजन किया शुक्रवार को कथा में सुदामा चरित्र की कथा के साथ विश्राम दिवस की कथा होगी। इस दौरान पूर्व सांसद राजेश दिवाकर, पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय, पालिका अध्यक्ष श्वेता चौधरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक रवि प्रकाश, रूपेश उपाध्याय, अभिषेक रंजन आर्य, मनोज अग्निहोत्री, संदीप शर्मा, राजेश सिंह गुड्डू, ध्रुव शर्मा, सुमित शर्मा, गगन शर्मा, आशीष बंसल, अमित बंसल, मुकेश सिंघल एवं आयोग दीपक समेत शहर के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

 

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