हाथरस 21 जनवरी । ब्रह्मा बाबा ने अपने बहुत बड़े व्यापार को समेटकर, मातृशक्तियों को आगे रखकर उन्हें जो सम्मान दिया और बुराईयों को जीवन से निकालने का सहज रास्ता जो उन्हें परमपिता परमात्मा शिव की प्रेरणा से मिला वह वन्दनीय है। लोग केवल गाते हैं, तन, मन, धन सब कूछ तेरा उन्होंने करके दिखाया, यह अनुकरणीय है। उक्त विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अलीगढ़ रोड स्थित शान्ति भवन, आनन्दपुरी कालोनी केन्द्र पर ब्रह्मा बाबा के स्मृति रूवरूप आयोजित भण्डारे में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा ने व्यक्त किये। इससे कण शान्ता बहिन, रामपुर से बीके मीना बहिन, इगलास से बीके हेमलता एवं आशीष शर्मा ने प्रतीकात्मक शान्तिस्तम्भ एवं ब्रह्मा बाबा के छवि चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की। इस अवसर पर बीके मीना बहिन ने कहा कि अनेक रूढ़ीवादी मान्यताओं और सामाजिक बुराईयों के मध्य ब्रह्मा बाबा ने स्वयं द्वारा किये गये साक्षात्कारों के प्रमाण माताओं बहिनों द्वारा संचालित संसार के पहले संगठन की आधारशिला रखी तब अनेक विरोधों का सामाना भी करना पड़ा लेकिन अपनी शुभभावनायें और शुभकामनाओं को कायम रखकर वे सदैव आगे बढ़ते रहे। आज ओम मण्डली नाम का नन्हा सा पौधा संसार में वटवृक्ष बनकर लोगों को शान्ति प्रदान कर रहा है।
बीके शान्ता बहिन ने कहा कि आवश्यकता घीरज के गुण को घारण करने की है। धैर्य धारण करने से अनेक कार्य सफल होते हैं उतावलेपन कर इुराईनों को अपनाने से कार्य बिगड़ते हैं। ब्रह्मा बाबा ने रूढिवादी समाज से मिले विरोघों का धैर्यता से सामना किया और आज वे पूज्यनीय बन गये। बीके हेमलता बहिन ने कहा कि काुम्म मेले में भी ब्रह्माकुमारी संगठन की आदि सनातन देवी देवता धर्म की संस्थापना के कार्य के विशाल सेवायें जारी हैं। यह ज्ञान स्नान ही जिससे आत्मा पावन बनती है। बीके पूजा बहिन ने सुनाया – “है कवच हमारा सहज योग, हम सजी ज्ञान तलवारों से। यह मनोजगत का महायुद्ध इसमें हिंसा की बात नहीं। हम मरजीवा बच्चे दा के हम करते कोई घात नहीं। दोहाकार, गायक प्रभूदयाल दीक्षित ने बांसुरी वादन या।
तदुपरान्त नियमित रूप से एक माह तक आने वाले योग साधना में तत्पर ब्रह्मावत्सों का शॉल पहनाकर स्वागत किया गया। इस प्रकार एक माह से चला आ रहा योगसाधना माह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम प्रबन्धन में बीके दुर्गेश बहिन, बीके नीतू बहिन, बीके उमा बहिन, बीके पूजा बहिन, बीके कोमल बहिन, राजेश शर्मा, बीके वन्दना बहिन, परमेश्वरदयाल, रामेश्वर, जीतू पहलवान, भीमसैन, केशवदेव आदि का सहयोग रहा।