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अलीगढ़ 21 दिसंबर । मंगलायतन विश्वविद्यालय व एसोसिएशन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड फार्मेसी (एबीएपी) के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान की उपयोगिता और अनिवार्यता के संदेश के साथ हुआ। सम्मेलन का आयोजन एबीएपी के महासचिव प्रो. केआरएस संबासिवा राव और संयोजक प्रो. दिनेश शर्मा व प्रो. रविकांत के निर्देशन में हुआ। वहीं 6 प्रतिभागियों को यंग साइंटिस्ट आवार्ड तथा 7 को सर्वश्रेष्ठ शोध प्रस्तुतिकरण आवार्ड से नवाजा गया। आईपीएफटी के डारेक्टर डा. मोहन कृष्ण रेड्डी ने कहा कि किसानों को कीटनाशक के छिड़काव की सही मात्रा की जानकारियों का होना बहुत जरूरी है। मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार ही कीटनाशक की सही मात्रा का पता लगाया जा सकता है जिससे कि मानव जीवन और पर्यावरण पर कीटनाशक के हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ें। मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने वैज्ञानिकों की लगन और मेहनत को बायोफार्मास्यूटिकल्स और ट्रांसलेशन रिसर्च में मानव स्वास्थ्य के रुझान जैसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से सीखने और समझने का मंच बना।अंतराराष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक प्रो. दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी ने चिकित्सा के क्षेत्र में अुनसंधान की गुणवत्ता को और बढ़ा दिया है।

इस अवसर पर विज्ञान में उत्कृष्ट शोध के लिए दो श्रेणियों में यंग सांइसटिस्ट अवार्ड दिए गए।एबव 30 कटेगरी में पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी की महालक्ष्मी को प्रथम, टीएमयू के डा. हरीबाबू को द्वित्तीय तथा एएनडी यूनिवर्सिटी, गुंटूर के डा रवि शंकर रेड्डी को तृतीय पुरुस्कार दिया गया। वहीं बिलो 30 कटेगरी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ पंजाब के अजय एलगोन को प्रथम, आईआईटी कानपुर के सुत्री त्रिपाठी को द्वित्तीय, विज्ञान फार्मेसी कालेज गुंटूर के पीवीवी शिवकृष्णा तृतीय पुरुस्कार दिया गया। पोस्टर फेकल्टी कटेगरी में सुनील प्रथम और सुजाता को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। जबकि रिसर्च स्कोलर में सिंदूजा को पहल और रफत को द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया।वहीं पोस्टर प्रजेंटेशन में छाया को प्रथम, नितूशा द्वितीय और नेहा को तृतीय पुरस्कार दिया गया।अंतराराष्ट्रीय संमेलन के सफल संचालन के लिए एबीएपी की ओर से प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत, प्रो. मनीषा शर्मा, डा. पूनम रानी, डा. सोनी सिंह को सम्मानित किया गया।सेमीनार की रिपोर्ट प्रो. राजेश शुक्ला ने प्रस्तुत की। संचालन दीपिका बांदिल ने किया।

इस अवसर पर प्रो. राजीव शर्मा, आईक्यूएसी डारेक्टर डा. राजेश उपाध्याय, डारेक्टर, आईएलएसआर प्रो. जहीरूद्दीन, प्रो. अब्दुल वदूद सिद्दीकी, प्रो. फवाद खुर्शीद, प्रो. अशोक पुरोहित, प्रो. सुनील गुप्ता,  डा. आशुतोष सक्सेना, डा. मनोज वार्ष्णेय, तरुण शर्मा, डा. अशोक उपाध्याय, डा. दीपमाला, डा. स्वाति अग्रवाल, प्रो. सिद्धार्थ जैन, डा. रॉविन वर्मा, डा. दीपशिखा सक्सेना, डा. जितेन्द्र यादव, लव मित्तल, डा. सौरभ मिश्रा, डा. नियति शर्मा, डा. रवि शेखर, डा. नेहा रानी, मीनाक्षी बिष्ट, डा. विकास शर्मा, मनीष उपाध्याय, देबाशीष चक्रवर्ती मौजूद रहे।

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