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मथुरा 21 दिसंबर । चिकित्सा के क्षेत्र में चिकित्सक और नर्सेज एक गाड़ी के दो पहिए के समान हैं। नर्सिंग शिक्षा चिकित्सा का ऐसा सेवाभावी अंग है जिसके बिना चिकित्सकीय कार्य असम्भव है। नर्सेज चिकित्सकों और मरीजों के बीच की अहम कड़ी होती हैं लिहाजा उन्हें अपने सेवाभाव का दायरा बढ़ाना बहुत जरूरी है। सेवाभाव की शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी चाहिए। यह बातें के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस के लैम्प लाइटिंग सेरेमनी 2024 में के.डी. मेडिकल कॉलेज के डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने बीएससी नर्सिंग तथा जीएनएम के नवागंतुक छात्र-छात्राओं को बताईं। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने लैम्प लाइटिंग के माध्यम से फ्लोरेंस नाइटेंगल को याद करते हुए उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को आत्मसात करने की शपथ ली।

डॉ. अशोका ने छात्र-छात्राओं को बताया कि नर्सेज और पैरामेडिक्स स्वास्थ्य तथा चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रशिक्षित नर्सेज तथा योग्य पैरामेडिक्स की देश ही नहीं दुनिया भर में मांग है लिहाजा आप लोग लगन और मेहनत से इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। डॉ. अशोका ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपनी जिम्मेदारी कभी दूसरे पर न डालें। इस अवसर पर डॉ. अशोका ने कहा कि आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप शिक्षा के क्षेत्र में जो उच्च मानदंड स्थापित कर रहा है, इसका सारा श्रेय इस ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल तथा महाप्रबंधक अरुण अग्रवाल को जाता है। डॉ. अग्रवाल चाहते हैं कि आर. के. ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों से पढ़कर निकला हर विद्यार्थी समाज के सामने अपने कार्यों से नजीर बने।

इस अवसर पर उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि ज्ञान और मृदु व्यवहार ही नर्स का प्रमुख गुण होता है। नर्स का काम सिर्फ मरीज को दवा देना ही नहीं बल्कि उससे भावनात्मक लगाव रखते हुए उसके सेवा की जिम्मेदारी भी होती है। उन्होंने कहा कि चूंकि नर्सिंग स्टाफ मरीज के ज्यादा करीब होता है तथा उनकी देखरेख करता है लिहाजा उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कराहट तथा रोगी के प्रति विनम्र व्यवहार होना चाहिए। डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि चिकित्सा तंत्र में नर्सिंग की अवधारणा बहुत पहले से रही है, पर वह आधुनिक समय की तरह व्यवस्थित नहीं थी। ऐसा करने में इंग्लैंड की फ्लोरेंस नाइटेंगल की अग्रणी भूमिका रही। उन्होंने बड़े समर्पण के साथ यह दिखाया कि नर्सिंग की भूमिका चिकित्सा में कितनी महत्वपूर्ण है। आज यह भूमिका इतनी बड़ी है कि चिकित्सा की वह धुरी बन चुकी है। मरीज की आधी बीमारी तो नर्सेज के अच्छे व्यवहार से ही ठीक हो जाती है।

के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस की प्राचार्य एन.पी. चानू ने अपने सम्बोधन में कहा कि नवागंतुक छात्र-छात्राएं कॉलेज को अपना घर-परिवार मानकर शिक्षा ग्रहण करें। उन्हें कोई परेशानी होती है तो उसे जरूर बताएं। उन्होंने नवागंतुक छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे यहां अनुशासन में रहकर शिक्षा हासिल करें तथा अपने सेवाभावी कार्यों से चिकित्सा के क्षेत्र में नजीर स्थापित करें। यह क्षेत्र सम्भावनाओं से परिपूर्ण है। प्राचार्य एन.पी. चानू ने छात्र-छात्राओं को कड़ी मेहनत तथा अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस का चयन करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां न केवल किताबी ज्ञान मिलेगा बल्कि प्रयोगात्मक अनुभव हासिल करने के अच्छे से अच्छे अवसर भी मिलेंगे।

नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट शीला मैंसी ने कहा कि आर.के. ग्रुप का शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान है लिहाजा सभी छात्र-छात्राएं अनुशासन और मेहनत से शिक्षा और प्रशिक्षण हासिल कर अपने सपनों को साकार करें। ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कॉलेज के शिक्षकों गौरव त्यागी, उदयवीर, नीतेश कुमार, दर्शन, शुभम, हेमंत, नितिन, आकांक्षा झा, यती, ज्योति नरेन्द्र गोस्वामी, अभय शर्मा आदि ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।

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