पहले थी हिंदू आबादी
मंदिर में शिवलिंग और हनुमान जी को नमन करते हुए घटा बजाकर भगवान की जय-जयकार की। मौके पर तमाम लोंगों की भी एकत्र हो गई। यहां अधिकारियों ने कुछ लोगों से जानकारी की तो पता लगा कि पहले यहां हिंदू आबादी थी, लेकिन फिर यह इलाका मुस्लिम आबादी से भर गया। लोगों के मकानों में आग लगा दी गई उनके घरों व जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इसके बाद हिंदुओं ने मंदिर में जाने का साहस नहीं किया। शनिवार को नगर पालिका की टीम को बुलाकर मंदिर पर हुए अवैध कब्जे को हटाने और कुएं को खुलवाने के लिए नगर पालिका को आदेश दिया।
1978 के सांप्रदायिक दंगो में क्या हुआ?
नगर हिन्दू सभा के संरक्षक विष्णु सरन रस्तौगी ने बताया कि पहले यहां हिंदू आबादी हुआ करती थी। लेकिन 1978 के सांप्रदायिक दंगे के दौरान कई हिंदू घरों में आग लगा दी गई। डर के चलते हिंदू परिवारों ने यहां से पलायन कर दिया और हिंदू आबादी वाले इलाके में बस गए। उन्होंने बताया कि पहले इस मंदिर में भजन कीर्तन हुआ करता था। मंदिर के बराबर में ही एक कुआं है। जिसको अकील अहमद ने पाट दिया। मंदिर मुस्लिम आबादी में होने के चलते उस पर कब्जा कर मकान में मिला लिया है। जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मंदिर के बारे में पूरी जानकारी ली और मंदिर को पुनः पुराने स्वरूप में लौटाने की बात कही है। मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए कदम उठाने की बात कही। इसके साथ ही मंदिर के पास स्थित कुआं को भी साफ कराकर उसका सुंदरीकरण कराने को कहा है।