हाथरस 14 दिसंबर । पुलिस अधीक्षक के निर्देशन मे पुलिस लाइन स्थित डीटीयू कक्ष में अपर पुलिस अधीक्षक हाथरस द्वारा विधिक कार्यशाला का आयोजन कर समस्त विवेचको को गैंगस्टर एक्ट, गैंग चार्ट तथा गैंग पंजीकरण संबंधी कार्यवाही हेतु दिए आवश्यक दिशा-निर्देश । आज पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल के निर्देशन मे पुलिस लाइन स्थित डीटीयू कक्ष में अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार द्वारा विधिक कार्यशाला का आयोजन कर समस्त विवेचको को गैंगस्टर एक्ट, गैंग चार्ट तथा गैंग पंजीकरण संबंधी कार्यवाही हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये। कार्यशाला के दौरान संयुक्त निदेशक अभियोजन छविलाल, अभियोजन अधिकारी राजकुमार व समस्त थानो के विवेचक उपस्थित रहे।
कार्यशाला का आयोजन गैंगस्टर एक्ट की विभिन्न धाराओं और गैंगस्टर से जुड़े अपराधों के प्रति विवेचनात्मक दृष्टिकोण को समझने के लिए किया गया । अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान समय में संगठित अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है और गैंगस्टर एक्ट इसका एक प्रमुख हिस्सा बन चुका है। गैंगस्टर से जुड़े अपराधों को रोकने और उन्हें ठीक से पंजीकरण करने के लिए विवेचकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपर पुलिस अधीक्षक ने गैंगस्टर एक्ट के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कानून उन अपराधियों को रोकने और सजा देने के लिए लागू किया गया है जो संगठित रूप से अपराध करते हैं। इस एक्ट के तहत उन अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है जो अपने आपराधिक कार्यों को एक समूह के रूप में अंजाम देते हैं। इस कार्यशाला में गैंगस्टर एक्ट की विभिन्न धाराओं को विस्तार से समझाया गया । कार्यशाला में गैंग चार्ट बनाने की तकनीकी विधियों पर चर्चा की गई और विवेचकों को सही तरीके से उपयोग करने की जानकारी दी गई।
अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि गैंग पंजीकरण प्रक्रिया में गैंग के सदस्यों की पहचान, उनके आपराधिक कृत्य, और उनकी गतिविधियों का विस्तार से उल्लेख किया जाता है। यह प्रक्रिया पुलिस विभाग को गैंग की गतिविधियों पर नजर रखने और समय-समय पर उचित कार्रवाई करने में मदद करती है। कार्यशाला में गैंग पंजीकरण प्रक्रिया के महत्व और इसके क्रियान्वयन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में विभिन्न केस स्टडीज का भी विश्लेषण किया गया, जिनके माध्यम से विवेचकों को गैंगस्टर एक्ट के तहत किए गए मामलों की कार्यवाही की प्रक्रिया समझाई गई। इन केस स्टडीज़ ने विवेचकों को यह सिखाया कि किस प्रकार वे गैंगस्टर एक्ट के तहत अपने केस को मजबूत बना सकते हैं और अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर सकते हैं। अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विवेचकों को यह समझाना है कि गैंगस्टर एक्ट, गैंग चार्ट और गैंग पंजीकरण के सही तरीके से उपयोग से अपराधों को नियंत्रण में रखा जा सकता है। उन्होंने सभी विवेचकों से यह आग्रह किया कि वे इस ज्ञान को अपने कार्यक्षेत्र में लागू करें ताकि संगठित अपराधों पर प्रभावी रूप से काबू पाया जा सके।
कार्यशाला के अंत में एक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विवेचकों ने अपनी शंकाओं को दूर किया। अपर पुलिस अधीक्षक ने सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए बताया कि पुलिस विभाग को संगठित अपराधों के प्रति पूरी सतर्कता के साथ काम करना चाहिए और गैंगस्टर एक्ट जैसे कानूनी उपकरणों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।