हाथरस 10 दिसंबर । आज अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा, द्वारा मानवाधिकार के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुये उपस्थित जन को मानवाधिकार की उत्पत्ति, आवश्यकता तथा मानवाधिकार हन्न नियंत्रण हेतु सामाजिक एवं आध्यात्मिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुये लोगों को ऐसा व्यवहार करने की सलाह दी जो संयमित न्याय उचित, सामाजिक हो जो ऐसा व्यवहार स्वयं के लिये अपेक्षित हो। उन्हांने विधिक साक्षरता कार्यक्रम तथा विधिक सेवाओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि नागरिकों को यह ज्ञान होना चाहिए कि कब किस मामले में किस अधिकारी या कर्मचारी को सूचित करना है यदि न्याय में बिलम्ब हो या कोई न सुन रहा हो तो अपनी बात तथ्य और प्रमाण सहित सही-सही लिखकर विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत करके मद्द ले सकते है।
पराविधिक स्वयंसेवक, साहब सिंह, बृजेश कुमार एवं लक्ष्मी ने अपने-अपने वक्तव्य में कहा कि ‘भारतीय संविधान‘ इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है। भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया। 12 अक्टूबर, 1993 में सरकार ने ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग‘ का गठन किया।
लिपिक विष्णु कुमार शर्मा द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि जनपद न्यायालय हाथरस में दिनांक 11, 12 एवं 13 दिसम्बर, 2024 को लघुआपराधिक वादों की विशेष लोक अदालत और दिनांक 14 दिसम्बर, 2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा, जिसमें शमनीय वाद, दीवानी, राजस्व वाद, मोटर वाहन दुर्घटना वाद, पारिवारिक वाद, बैंक वसूली, धारा 138 एन.आई. एक्ट, विद्युत चोरी वाद, नगर निगम वाद, वाटर टैक्स वाद, जलकर वाद से सम्बन्धित विवादों, स्थायी लोक अदालत के मामले, जिला उपभोक्ता के मामलें का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया जाना है।
कवि अनिल बौहरे, प्रदीप कुमार शर्मा एवं अनिल कौशिक ने अपने-अपने वक्तव्य में कहा कि विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र‘ का मुख्य विषय शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, आवास, संस्कृति, खाद्यान्न व मनोरंजन से जुड़ी मानव की बुनयादी मांगों से संबंधित है। काॅलेज की प्राचार्या ममता उपाध्याय ने अपने वक्तव्य में सभी का आभार व्यक्त करते हुए छात्राओं से प्राप्त जानकारियों को सगे सम्बन्धियों को देने की अपील की गयी। शिविर का संचालन काॅलेज की अध्यापिका मौनिका द्वारा किया गया।