सिकंदराराऊ (हसायन) 05 दिसंबर । विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत धुबई के माजरा गांव शीतलवाडा में गांव के बाहरी परिक्रमा स्वरूपी मार्ग पर हो रहे गंदगी युक्त जलभराव की समस्या के समाधान कराए जाने के लिए अपनी मांग को लेकर पिछले पांच दिनो से ग्रामीणो के द्वारा किए जा रहे अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन बृहस्पतिवार को प्रारंभ दिखाई दिया।ग्रामीणों के द्वारा गंदगी युक्त जलभराव की समस्या को लेकर पिछले पांच दिनो से किए जा रहे धरना प्रदर्शन के दौरान सुबह ग्राम पंचायत के प्रधानपति आसिफ अली बेग व ग्राम पंचायत अधिकारी ईश्वर सिंह यादव के द्वारा गांव में जल निकासी से निजात दिलाए जाने के लिए गांव में बनी नालियो की साफ सफाई कराए जाने के लिए प्रयास किया।तो ग्रामीणो के द्वारा विरोध शुरू कर दिया।ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए जलनिकासी कराए जाने के लिए मंगवाई गई जेसीबी मशीन भी ग्रामीणों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने के कारण खडी हुई दिखाई दी।ग्रामीणों के द्वारा दिए जा रहे धरना प्रदर्शन में शाम को जिला पंचायत राज अधिकारी सुबोध मिश्र गांव शीतलवाडा में ग्राम पंचायत एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियो सहायक विकास अधिकारी पंचायत प्रेमकिशोर सिंह, केके गौतम के साथ समस्या का समाधान कराए जाने के लिए पहुंची।जिला पंचायत राज अधिकारी सुबोध मिश्र ने गांव के रास्ते पर पहुंचकर जलभराव की समस्या को देखकर जलभराव की निकासी कराए जाने के लिए कहा तो ग्रामीणो ने साफ कह दिया कि वह अपनी तरफ से गंदगी युक्त पानी नही निकलने देगे।
डीपीआरओ के द्वारा ग्रामीणो को काफी समझाए जाने का प्रयास भी किया गया।मगर ग्रामीण अपनी एक ही जिद पर अडे रहे कि जब तक गांव में ग्राम पंचायत की जमीन पर पोखर का निर्माण कराकर पानी की समस्या दूर कराए जाने का साधन नही किया जाएगा।तब तक वह अपने घरो के आगे होकर पानी की निकासी नही होने देगे।ग्रामीणो ने कहा कि गांव के बाहरी रास्ते पर पिछले कई वर्षो से पानी भरा हुआ है।ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन होने के बाद भी जिम्मेदार स्तर के अधिकारी कर्मचारी जमीन की माप तौल ही नही कराना चाह रहे है।वह बिना किसी संसाधन के ही जलनिकासी कराकर पूरे गांव में गंदगी युक्त पानी फैलवाना चाह रहे है।ग्रामीणो ने कहा कि जब तक अधिकारी स्वंय पोखर का निर्माण नही कराएगे तब तक जल निकासी की समस्या जडवत ज्यो की त्यों ही बनी रहेगी।जिला पंचायत राज अधिकारी सुबोध मिश्र के समझाने के बाद भी ग्रामीण अपने घरो के आगे से होकर जल निकासी कराए जाने के लिए तैयार नही दिखाई दिए।ग्रामीणो के विरोध को लेकर डीपीआरओ जलभराव की समस्या का समाधान कराए बिना ही बापिस चली गई।