सिकंदराराऊ (हसायन) 04 दिसंबर । विकासखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत धुबई के माजरा शीतलवाडा में एकल जाति के ग्रामीण होने के कारण गांव के घर घर से निकलने वाले पानी के अलावा समरसेंबिल के चलते रहने से हो रहे जलभराव को लेकर गांव के कुछ दबंग किस्म के ग्रामीणों के द्वारा ही गांव में जल निकासी के लिए बनी हुई वर्षो पुरानी नालियों को दोनो ओर से बंद कर दिए लाने के कारण जल निकासी नही हो पा रही है। ग्राम पंचायत धुबई के माजरा शीतलवाडा में गंदगी युक्त जलभराव को लेकर ग्रामीणों के द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों से पता लगा कि गांव के ही कुछ दबंग किस्म के ग्रामीणों के द्वारा जल निकासी के लिए बनी हुई दोनो साइडों की नाली पर रोक लगाकर पानी की निकासी पर रोक लगा दी है।कुछ ग्रामीणों के द्वारा जल निकासी पर रोक लगाए जाने के बाद गांव के घर घर से निकलने व पशुओ के साफ सफाई समरसेबिल का पानी जल निकासी नही होने के कारण गांव के रास्ते पर ही भरा हुआ दिखाई दे रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत के माजरा शीतलवाडा में ग्राम पंचायत की जमीन पर आज तक किसी पोखर का निर्माण नही कराया गया है।गांव में अब तक कई बार प्रधान भी गांव के व्यक्ति को चुना गया है। मगर उक्त जलभराव की समस्या पूरी तरह से नासूर बनकर रह गई है।ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पंचायत की काफी जमीन पर ग्रामीण कब्जा कर दबा चुके है। गांव की पंचायती जमीन पर अगर पोखर बन जाए तो गांव का पानी पोखर में ही एकत्रित हो सकता है। गांव शीतलवाडा में एकल जाति के ग्रामीण वाशिन्दें होने के कारण आज तक जल निकासी की समस्या का समाधान स्वंय ग्राम पंचायत के मुखिया चुने जाने वाले व्यक्ति व ब्लाक स्तर से ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात प्रशासनिक अधिकारी भी समस्या का समाधान करने में पूरी तरह से हिचकिचा रहे है।ग्रामीणों के द्वारा मुख्य रास्ते पर इसीलिए पानी की निकासी पर रोक लगा रखी क्यों कि पोखर नही होने के कारण यह पानी नाली के रास्ते पूरे गांव में पहुंचना प्रारंभ हो जाता है। ग्रामीणों के द्वारा जल निकासी व पानी एकत्रित करण कराए जाने के लिए पोखर नही होने व आपसी बुराई भलाई के कारण कोई भी ग्रामीण जल निकासी कराए जाने के लिए पूरी तरह से विफल दिखाई दे रहे है।