Hamara Hathras

11/10/2024 6:32 pm

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हाथरस 11 अक्टूबर । एबीजी गुरुकुलम स्कूल में आज दशहरा के पावनपर्व के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में रावण दहन किया गया। विद्यालय के स्पोट्र्स ग्राउण्ड में अंहकार व बुराई के प्रतीक राक्षसराज रावण का लगभग 10 फीट का विशालकाय पुतला दहन किया गया। भारतीय संस्कृति मंे सदैव नारी को मातृ सदृश समझा जाता है और उनका सम्मान किया जाता है। परन्तु दुष्टरावण ने विद्वान होते हुए भी अधर्म का कार्य किया, जिसका परिणाम उसके समस्त कुटुम्ब के सर्वनाश के रूप में हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्या डा0 बरखा गुप्ता ने सर्वप्रथम रामनवमी के अवसर पर माँ दुर्गा की मूर्ति पर माल्यार्पण कर सभी के लिए मंगलकामना की। विद्यालय में इस अवसर पर नन्हें-मुन्ने विद्यार्थियों द्वारा मनमोहक सुन्दर झाँकिया प्रस्तुत की र्गइं। समुचा विद्यालय मर्यादा पुरूषोŸाम श्रीराम की जय-जयकार से गुंजायमान हो उठा। इसके बाद श्रीरामचन्द्र, लक्ष्मण एव हनुमान के साथ रावण से युद्ध करने तथा उसका संहार करने के लिए पण्डाल में पहुँचे। अघ्यापक श्री शिवम भारद्वाज के द्वारा किये जा रहे मंत्रोउच्चारण के मध्य प्रधानाचार्या ने श्रीराम व उनकी सेना का तिलकाभिषेक किया। उपस्थित सभी विद्यार्थियों एवं स्टाफ को रावण तथा श्रीराम के बीच युद्ध देखने को मिला। अंततः एक ही बाण में श्रीराम ने अंहकारी रावण का वध कर डाला। रावण का विशालकाय पुतला श्रीरामचन्द्र के अग्निवाण से धूँ-धूँ कर जल उठा। प्रधानाचार्या ने सभी छात्र-छात्राओं को दशहरा का महत्व समझाते हुए कहा कि विजय दशमी के पावन पर्व से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए कि असत्य, अंहकार व बुराई कितनी भी शक्तिशाली हो जाए, अंततः सत्य की ही विजय होती है। छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए उन्हांने कहा कि हमें श्रीराम की तरह सदैव मर्यादा का पालन करना चाहिए। पूर्वजों से शिक्षा लेते हुए हमें सदैव धर्म के रास्ते पर अग्रसर रहना चाहिए। रावणदहन के उपरान्त फल, मिठाईयों का प्रसाद के रूप में वितरण किया गया।

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