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लखनऊ 10 अक्टूबर । सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में हुए सत्संग में भगदड़ से हुई 121 लोगों की मौत के मामले में आज नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने न्यायिक आयोग के सामने अपना बयान दर्ज कराया। भोले बाबा ने लखनऊ की जनपथ मार्केट में न्यायिक आयोग के दफ्तर में अपना बयान दिया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। भोले बाबा के बयान दर्ज कराने के दौरान सुरक्षा के चलते जनपथ मार्केट को दोपहर 1 बजे तक बंद रखा गया। पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई थी, ताकि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कमी न हो।

बता दें कि नारायण साकार हरि के नाम से भी पहचाने जाने वाले सूरजपाल का नाम हाथरस कांड की एफआईआर में शामिल नहीं है। यह एफआईआर सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई को भगदड़ के बाद दर्ज की गई थी। भोले बाबा के वकील ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह भगदड़ कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी, बल्कि सनातन धर्म के खिलाफ रची गई साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने कहा, “हमने न्यायिक आयोग के समक्ष साजिश रचने वालों के नाम और कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सौंपे हैं, जिनसे साजिश के बारे में पता चलता है।” इस बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर न्यायिक आयोग अब इस मामले में आगे की जांच करेगा, जिससे यह पता चल सके कि भगदड़ की घटना असल में किस कारण से हुई और इसके पीछे कौन जिम्मेदार था? उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन जुलाई को हाथरस त्रासदी की जांच और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था।

पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों पर कार्यक्रम में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कहकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली थी मगर वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी। हालांकि, भोले बाबा के वकील ने दावा किया है कि ‘कुछ अज्ञात लोगों’ द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ’ के कारण भगदड़ मची।

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