मुंबई 10 अक्टूबर। उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने 86 साल की उम्र मेंअंतिम सांस ली। टाटा ग्रुप की ओर सेआधिकारिक तौर पर रतन टाटा के निधन की पुष्टि की गई है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन नेरतन टाटा के निधन पर कहा कि हमारे लिए सबसेबड़ा नुकसान है। वह एक असाधारण व्यक्तित्व थे। मेरे लिए वह मेंटर, गाइड और दोस्त थे। वह मेरेलिए प्रेरणास्त्रोत रहे। वहीं, दिग्गज कारोबारी हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मएक्स पर रतन टाटा को श्रद्धांजलि देतेहुए लिखा- घड़ी ने टिक-टिक बंद कर दी है। टाइटन का निधन हो गया। रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक लीडरशिप और परोपकार की एक मिसाल थे। उन्होंने व्यापार के अलावा इससे परे की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह हमारी स्मृतियों में सदैव शिखर पर रहेंगे। सोमवार को रतन टाटा के आधिकारिक एक्स हैंडल सेस्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को अफवाह बताया गया था। हालांकि, अब रतन टाटा के निधन की पुष्टि हो गई है।
बता दें कि उन्होंनेटाटा संस के चेयरमैन के रूप में मार्च 1991 सेदिसंबर 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया। इस दौरान रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को ना सिर्फ संवारा बल्कि देश समेत दुनियाभर में इस समूह का लोहा मनवाया। रतन टाटा की लीडरशिप में समूह ने देश-विदेश में कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। साल 2008 में रतन टाटा को भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सबसेबड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
पहले बीमार होनेकी आई खबर
बीते सोमवार को रतन टाटा के तबियत खराब होने की खबरेंआई थीं। ऐसा कहा गया कि रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, इन खबरों को अफवाह करार देते हुए रतन टाटा ने एक्स पर लिखा था- येदावेंनिराधार हैं। मैं उम्र संबंधी बीमारियों के कारण अभी मेडिकल जांच करा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैंसही हूं। टाटा ने जनता और मीडिया से अनुरोध किया था कि वेगलत जानकारी फैलाने से बचें। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने लोगों और मीडिया से “गलत सूचना फैलाने” से बचने का अनुरोध भी किया।
टाटा ग्रुपग्रु सेबतौर असिस्टेंट जुड़े
विदेश से पढ़ाई पूरी करनेके बाद रतन टाटा पहली बार टाटा समूह की कंपनी टाटा इंडस्ट्रीज में बतौर असिस्टेंट शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने कुछ महीनों तक जमशेदपुर में टाटा के प्लांट मेंट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग पूरी करने के साथ ही रतन टाटा ने अपनी जिम्मेदारियों को संभालना शुरू कर दिया और साल 1991 मेंटाटा संस और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन का पदभार संभाला। इससे पहले इस पद को जेआरडी टाटा संभाल रहे थे।