हाथरस 04 अक्टूबर। डीएपी खाद को लेकर किसान परेशान हैं। घंटों लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। सरसों, मटर और आलू की बुवाई शुरू हो रही है, ऐसे में खाद न मिलने से फसल में देरी होने का डर भी बना हुआ है। रबी की फसल बुवाई का समय आ गया है, इसको लेकर किसान डीएपी की मांग करने लगे हैं। लेकिन सहकारी समितियों पर खाद की मारामारी हो रही है। सुबह से ही लाइन में लगकर किसान खाद की खरीद को लेकर खड़े हैं, लेकिन उनको आसानी से उपलबध नहीं हो पा रही है। इसके चलते किसानों की परेशानियां बढ़ी हुईं हैं। डीएपी खाद की मांग बढ़ते ही सहकारी समितियों पर मनमानी होने लगी है। हमारा हाथरस की टीम ने आज सहकारी समिति और इफको के सेंटर की पड़ताल की। किसानों का कहना है कि सुबह 6 बजे से खड़े हैं, लेकिन जरूरत के अनुसार खाद नहीं दी जा रही है। खतौनी के आधार पर खाद नहीं मिलने से परेशानी बनी हुई है, सुबह से ही लाइन में लगने के बाद एक बोरी दी जा रही है। इस पर भी 5 रुपये पल्लेदारी के नाम पर लिए जा रहे हैं। सरसों, मटर और आलू की बुवाई करने के लिए डीएपी की मांग अधिक हो रही है और किसान परेशान हैं। वहीँ अधिकारी ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है, खाद आसानी से मिल रही है।
मिलावटी खाद बेचने की सूचना पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम के साथ लाला का नगला स्थित एक मकान पर छापा मारा। यहां से डीएपी खाद के कट्टे मिले। नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। मकान में 71 कट्टे चंबल फर्टिलाइजर का डीएपी और बिना किसी मार्का का 58 कट्टे डीएपी खाद मिला है।इनके संबंध में कोई प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किए गए। दुकान संचालनकर्ता रमेश कुमार पुंडीर मौके पर उपस्थित नहीं हुए। इस मकान को मौके पर मिली खाद सहित सील कर दिया गया है। इस संबंध में कृषि विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि डीएम को शिकायत मिल रही थी कि लाला का नगला स्थित एक मकान से मिलावटी डीएपी खाद बेचा जा रहा है। डीएम के निर्देश पर अधिकारियों के साथ इस मकान पर छापा मारा। वहीं मकान स्वामी का कहना है कि उन्होंने इस मकान को गोदाम के लिए किराये पर उठा रखा है।