Hamara Hathras

17/09/2024 7:57 pm

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सासनी 17 सितंबर । धार्मिक मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी की सातवीं संतान के रूप में भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है। ऐसा कहा जाता है विश्वकर्मा ही पुष्पक विमान दिव्य हथियार एवं अद्वितीय महलों की शिल्पकार भी थे ।इसलिए इनको वास्तुकार के रूप में भी जाना जाता है।कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा दिवस मनाया जाता है। इस दिन कारखानों प्रतिष्ठानों पर उपयोग में आने वाले औजार मशीन वह अन्य उपकरणों की परंपरानुसार विधिवत पूजा की जाती है। इसी क्रम में क्षेत्र में विभिन्न प्रतिष्ठानों सरकारी गैर सरकारी संस्थानों में कर्म पर विश्वास रखते विश्वकर्मा भगवान की पूजा की गई। राजमिस्त्रियों ने भी अपने-अपने कन्नी वसूली व अन्य उपकरणों को श्रद्धापूर्वक पूजन कर विश्वकर्मा भगवान से आशीर्वाद प्राप्त किया। कस्बा के नये बिजलीघर पर पंडित जी ने वेदमंत्रो के साथ विधि विधान से हवन यज्ञ में आहुतिया देकर उपकरणो का पूजन कर विश्वकर्मा जयंती को श्रद्धा पूर्वक भक्ति भाव के साथ मनाया गया।

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