सासनी 16 सितंबर । स्वच्छता अभियान 2024 में स्वच्छता ही सेवा का नारा दिया गया है। जिसमें देश के कोने कोने में स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए जन-जन की भागीदारी होना भी आवश्यक है। लेकिन कहीं-कहीं यह भी देखने में आया है शासन स्तर से या प्रशासनिक अधिकारियों के लापरवाही के चलते स्थानीय निकायों में काम करने वाले स्वच्छता कर्मियों की समस्याओं को नजरअंदाज होने या गंभीरता पूर्वक शासन द्वारा विचार न किए जाने के कारण सफाई कर्मियों का उत्साह ठंडा पड़ गया है। ऐसे ही हालात नगर पंचायत सासनी में भी दिखाई दे रहे हैं। यहां भी सफाई कर्मियों की मांगे पूरी न होने के कारण उन्होंने काम बंद हड़ताल का रास्ता अपनाया है। ऐसी बात भी नहीं कि यह मौका पहली बार आया हो इससे पहले भी उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल की थी लेकिन तब उन्हें आश्वासन की घुट्टी पिला दी गई थी। और अब जबकि काफी दिन बीत चुके हैं उसके बावजूद भी जब उनकी मांगे पूरी होती हुई दिखाई नहीं दी है तब उन्हें विवश होकर पुनः काम बंद हड़ताल शुरू करनी पड़ी है। और नगर में सफाई कर्मियों की 7 दिन से लगातार चल रही काम बंद हड़ताल से समूचा शहर गंदगी के आगोश में डूब कर रह गया है। लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई भी ठोस पूर्ण कार्यवाही नहीं की है। और ना ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था ही बनाई है जिसके चलते पूरे शहर में जगह-जगह गंदगी के ढेर लग चुके हैं। आने वाले दिनों में श्री रामलीला महोत्सव भी निकट है। वहीं शहर में आने वाले महीने में मेले भी निकाले जाते हैं। परंतु शासन व प्रशासनिक अधिकारी अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि हड़ताल सफाई कर्मियों को उम्मीद है कि इस बार उन्हें आश्वासन की जगह न्याय मिलेगा और उनका रुका हुआ वेतन संबंधी समस्याओं का शीघ्र निराकरण हो जाएगा। लोगों का समर्थन भी सफाई कर्मियों के साथ इसलिए है अगर वह सफाई कर्मी काम पर नहीं लौटे तो गंदगी के कारण पूरे शहर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी धावा बोलेगी जिससे शहर वासियों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। अब देखना यह है हड़ताली सफाई कर्मियों की समस्याओं पर सरकार कब तक गंभीरता पूर्वक विचार करके उनके साथ न्याय करती है। जिससे जन स्वास्थ्य की रक्षा होने के साथ-साथ स्वच्छता ही सेवा है जैसे नारे पर लोगों का विश्वास भी जम सके ।