Hamara Hathras

16/09/2024 7:57 pm

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हाथरस 16 सितंबर । आगामी 18 सितंबर काका हाथरसी श्री प्रभु लाल गर्ग का जन्म दिवस एवं अवसान दिवस दोनों का संगम है। हाथरस का पर्यायी बन गये काका हाथरसी ने विश्व पटल पर हाथरस नगरी का नाम रोशन किया है। विश्व भर के लोग हाथरस को काका की नगरी के नाम से जानते हैं। ऐसे महान व्यक्ति एवं कवि को में सच्चे हृदय से प्रणाम करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। अपनी काव्य भाषा में काका जी ने हिंदी काव्य के विभिन्न रसों एवं अलंकारों का प्रयोग बड़े ही सुंदर सरल एवं सहज रूप में किया। समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं कठिनाइओं विसंगतियों और दोसों का अपने हास्य रस के भावों से कविता में इस प्रकार समावेश किया कि जनमानस कठिनाइयों को भूलकर एक कठिनाई रहित जीवन का आनंद लेने को वाध्य हो गया काकाजी ने ब्रजभाषा और व्यावहारिक भाषा के प्रयोग से लोगों को आकर्षित किया और ब्रजभाषा की महत्ता को भी सम्बल प्रदान किया अपनी भाषा में उन्होंने मुहावरों तथा अलंकारों का भरपूर प्रयोग किया यमक अलंकार और श्लेष अलंकार के एक-एक उदाहरण इस प्रकार हैं :- लव का मतलव समझिए लव के लाख प्रकार! वे मतलव मत लव करो मतलव का संसार, चोटी पर चढ़कर वह डोले ऐंठी ऐंठी! मुझको देखो दाढ़ी के ऊपर चढ़ बैठी, तुकांत और अतुकांत कविताओं के श्रेष्ठ कवि हास्यरस के पुरोधा गहन निरीक्षण क्षमता की धनी असंख्य व्यक्तियों के हृदय पर राज करने वाले हास्य कवि काका जी को भारत सरकार ने पद्म श्री की उपाधि से सम्मानित किया इस अवसर पर हम जिलाधिकारी हाथरस रहे पूर्व आयुक्त डॉक्टर आर के भटनागर जी (अध्यक्ष काका हाथरसी स्मारक समिति) के भी कृतज्ञ हैं जिन्होंने हाथरस नगरी में काका जी की स्मृतियों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए ओढ़पुरा मुरसान गेट हाथरस पर भव्य काका हाथरसी स्मारक भवन स्थापित करने में अभूतपूर्व योगदान दिया अंत में काका जी को एक बार पुनः हार्दिक श्रद्धांजलि- श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं! जय हिंद डॉ जितेंद्र कुमार शर्मा सचिव काका हाथरसी स्मारक समिति जनपद हाथरस

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