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मथुरा 03 फरवरी । आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों राजीव इंटरनेशनल स्कूल, के.डी. मेडिकल कॉलेज, के.डी. डेंटल कॉलेज, के.डी. कॉलेज आफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस, जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में सोमवार को शिक्षकों, छात्र-छात्राओं ने श्रद्धाभाव से मां शारदे की पूजा-अर्चना कर विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांगा।

सोमवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आचार्य करपात्री महाराज ने मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती की पूजा-अर्चना सम्पन्न कराई। पूजा-अर्चना संस्थान की शैक्षिक संयोजिका प्रिया मदान, शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं ने की। इस अवसर पर नन्हे-मुन्ने बच्चों ने वीणावादिनी का सस्वर पाठ कर विद्या और बुद्धि का आशीष मांगा। करपात्री महाराज ने वंसत पंचमी का महात्म्य बताते हुए कहा कि वसंत पंचमी का सीधा संबंध माता सरस्वती से है। पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि की रचना के समय भगवान ब्रह्मा ने मनुष्यों की सृष्टि की लेकिन उन्हें यह देखकर निराशा हुई कि सृष्टि में जीवन तो है  परंतु वह नीरस और मौन है।

तब भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छिड़का और एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुई। वह शक्ति देवी सरस्वती के रूप में अवतरित हुईं, जो हाथों में वीणा, पुस्तक और माला लिए थीं। देवी सरस्वती ने वीणा के तार छेड़े, जिससे सृष्टि में मधुर ध्वनि और जीवन का संचार हुआ। तभी से देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत और कला की देवी माना जाता है और उनकी पूजा के लिए वसंत पंचमी का दिन तय किया गया।

आर.के. एज्यूकेशन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि विद्या की देवी सरस्वती की स्तुति करके हम अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं। हम जीवन भर कुछ न कुछ सीखकर ज्ञान अर्जित करते रहते हैं इसलिए वसंत पंचमी का महत्व केवल छात्र-छात्राओं के लिए ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए है। हम मां सरस्वती के वाहन हंस से जीवन प्रबंधन के गुर सीख सकते हैं।

प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को विवेकशील होना चाहिए, जिसमें विवेक होगा वही अच्छा-बुरा समझ सकता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मां शारदे का स्वरूप श्वेत वर्ण होता है तथा उनका वाहन भी सफेद हंस ही है। सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। सफेद रंग शिक्षा देता है कि अच्छी विद्या और संस्कार के लिए आपका मन शांत और पवित्र हो।

के.डी. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने कहा कि मां सरस्वती की पूजा मात्र से विद्या की प्राप्ति नहीं की जा सकती इसके लिए छात्र-छात्राओं को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। जी.एल. बजाज में मां सरस्वती की पूजा आचार्य विवेक मिश्रा ने कराई। इस अवसर पर निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि यदि आपका मन शांत और पवित्र नहीं होगा तो देवी की कृपा प्राप्त नहीं होगी और न ही पढ़ाई में सफलता मिलेगी।

के.डी. डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने कहा कि वसंत पंचमी से ही ऋतुराज का आगमन होता है। ऐसे समय में वातावरण बेहद खुशनुमा होता है। डॉ. लाहौरी ने कहा कि मां सरस्वती की पूजा सिर्फ एक दिन नहीं प्रत्येक दिन करनी चाहिए। प्रत्येक छात्र-छात्रा को लगन और मेहनत से शिक्षा ग्रहण करते हुए अपने लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। विभिन्न संस्थानों में वसंत पंचमी के अवसर पर हुई मां सरस्वती की पूजा-अर्चना में बड़ी संख्या में शिक्षक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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