Hamara Hathras

यशोधरा यादव ‘यशो’का एक नवगीत

लेखनी कुछ गीत लिख
दुःखित जन को प्रीति लिख .
कामनाओं की लता जब पुष्प से सज्जित हुई
यंत्रवत कर्मों से हटकर
प्रीति प्रतिबिम्बत हुई
छंद के स्वर्णिम सवेरों की नयी रणनीति लिख
लेखनी…………
सूखते संबंध की टहनी
पर कलियां खिल उठें
बैठे जो अनजान बन
मन मीत बन मिल उठें
आस्था के सेतु में
विस्वास रूपी जीत लिख.
लेखनी…………
शैशवी सुषमा हो या हो
शाम मीठी झुरमुटी
रात की काली तमश या
प्रात प्यारी शवनमी
प्रीति का परिदृश्य लिख
और नव प्रणय की रीति लिख
लेखनी………
मृत्यु का आना न
जीवन का अन्त हो
शब्द शब्द बोल उठे
हरपल बसन्त हो
शाशश्वत उजेरों का
मोहक संगीत लिख.
लेखनी ……….
राधा का कान्हा और
मीरा का मोहन जो
सूर के पदों का एक
मोहक सम्मोहन जो
उस जसुदा के लाला का
मीठा नवनीत लिख.
लेखनी…………..

यशोधरा यादव ‘यशो’जन्म स्थान
गाँव फुलरई सिकन्दराऊ हाथरस
वर्तमान पता
L.i.g D 963/21
कालिन्दी बिहार आवास विकास कॉलोनी, आगरा

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