Hamara Hathras

हसायन : जिम्मेदारों की मनमानी भरी उदासीनता से हो रहा हरे पेडों का कटान, हरियाली के लिए हर साल लाखों रूपए का हो रहा बजट बर्बाद

सिकंदराराऊ (हसायन) 28 अक्टूबर । कोतवाली क्षेत्र के कस्बा व देहात क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के विभिन्न गांवों में वन विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा की जाने वाली जुर्माने की कार्रवाई किए जाने के बाद भी हरे पेडों कटान पर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी रोक लगा पाने में पूरी तरह से कामयाब नही हो पा रहे है।वन विभाग के जिम्मेदारों के रोक लगाए जाने के लिए पेड वृक्ष कटान की सूचना पर जुर्माना की कार्रवाई  होने के बाद भी लकडी माफियाओं के द्वारा हर रोज हरे पेड के अलावा प्रतिबंधित लकडियों का भी अवैध रूप से कटान कर हरियाली व पर्यावरण के लिए दुश्मन  बने हुए है।कस्बा व देहात क्षेत्र से भरे पेड़ों की कटाई  धड़ल्ले  से चल रही है। क्षेत्र में होने वाले कटान की सूचना व जिम्मेदार सुरक्षा कर्मियो को दी जाती है तो उक्त कर्मचारी अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए इस व्यापार में जुड़े हुए वन लकडी माफिया व ठेकेदार के अलावा लोगों आरामशीन संचालकों के साथ स्थानीय वन विभाग और स्थानीय  पुलिस से इनकी काफी गहरी घुसपैठ होने के कारण दे देते है।वन विभाग के द्वारा शासन के आदेश पर समय समय पर पौधारोपण कर वृक्षारोपण कराए जाने के नाम पर बजट को पानी की तरह से बहा दिया जाता है।एक तरफ प्रशासन पौधारोपण कर पर्यावरण को प्रदूषित मुक्त किए जाने का दावा करता है,तो दूसरी तरफ हो रहे हरे पेड के अलावा हरे वृक्ष के विभिन्न तरह के बागान से हरे पेड धडल्ले से हर रोज कटवाकर खुलेआम दिन दहाडे बाजार में ट्रैक्टर ट्रालियों में लादकर बाजार में होकर निकलते हुए दिखाई दे जाते है।क्षेत्र में हर रोज  हो रहे हरे पेडों के कटान के कारण दिनदहाड़े हरे पेड़ों के कटान कराकर के कस्बा में संचालित धर्म कांटों पर तुलाई बजन कराकर कस्बा की आरा मशीनों पर लड़कियों को लाया जा रहा है।सुबह एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर में हरे वृक्षों को कटांन करके लकड़ियां हसायन की आरा मशीनों पर लायी जाती हैं। जहां पर अवैध रूप से जुड़े जुड़े लोगों द्वारा इस गोरख धंधे को अंजाम दिया जा रहा है।उल्लेखनीय की हसायन कस्बा में अवेंध तरीके से आरा मशीन का संचालन काफी समय से हो रहा है। समय-समय पर खानापूर्ति के तौर पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है।मगर उसके चंद्र दिनों बाद यह आरा मशीन फिर चालू हो जाती है। जिनका कार्य मध्य रात्रि के बाद प्रातः काल तक होता है।
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