बदायूं 01 अगस्त । बदायूं जिले के नौसेरा गांव निवासी एक साधारण युवक को नौकरी दिलाने के बहाने ठगी का शिकार बना दिया गया। युवक रामबाबू पुत्र बदन सिंह मेडिकल स्टोर पर सेल्समैन की नौकरी करता है और उसे महज 10 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है। लेकिन हाल ही में उसके घर सीजीएसटी विभाग की ओर से 4.82 करोड़ रुपये का नोटिस पहुंचा, जिसे देखकर उसके होश उड़ गए। रामबाबू के अनुसार, एक साल पहले वह ऑनलाइन नौकरी की तलाश कर रहा था, उसी दौरान एक अज्ञात युवती ने उससे संपर्क किया और नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। युवती ने उसके आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी मांगी, जो रामबाबू ने भरोसे में आकर दे दी। इसके बाद युवती का मोबाइल नंबर बंद हो गया और नौकरी की कोई जानकारी नहीं मिली।
फर्जी फर्म बना कर किया गया 27 करोड़ का कारोबार
सीजीएसटी विभाग के नोटिस के मुताबिक, रामबाबू के नाम पर “मैसर्स पाल इंटरप्राइजेज” नाम से एक फर्म रजिस्टर्ड है, जिसने ऑनलाइन माध्यम से करीब 27 करोड़ रुपये का व्यापार किया है। जब फर्म की ओर से टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया गया तो विभाग ने 4.82 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया मानते हुए रामबाबू को नोटिस जारी कर दिया। रामबाबू का कहना है कि नोटिस में जो मोबाइल नंबर दर्ज है, वह उसका नहीं है और अब वह नंबर बंद भी है। उन्होंने इसे पहचान की चोरी और दस्तावेजों के दुरुपयोग का मामला बताया है।
पुलिस ने कहा—अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली
एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित की ओर से अब तक कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। उन्होंने सलाह दी है कि रामबाबू को साइबर थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए। रिपोर्ट मिलने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों की राय
टैक्स अधिवक्ता पंकज सिंह ने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। शाहजहांपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। यह घटनाएं सीजीएसटी विभाग की सर्वे प्रक्रिया में लापरवाही की ओर इशारा करती हैं और पहचान पत्रों के दुरुपयोग के मामलों में तेजी से कार्रवाई की जरूरत है।