नई दिल्ली 06 जून । एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने के लिए सरकार से जरूरी GMPCS लाइसेंस मिल गया है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने इस लाइसेंस के साथ स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की अनुमति दे दी है। यह भारती एयरटेल-यूटेलसैट की वनवेब और रिलायंस जियो के बाद तीसरी कंपनी है जिसे यह लाइसेंस मिला है। संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि अब स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा और बड़े पैमाने पर सेवाएं शुरू की जा सकेंगी। इससे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के ग्राहकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। स्टारलिंक, जो स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, निचली कक्षा (LEO) में कई सैटेलाइट्स लगाकर तेज इंटरनेट प्रदान करता है। इसकी स्पीड 25 से 220 Mbps के बीच होती है, जिसमें अधिकतर उपयोगकर्ताओं को 100 Mbps से अधिक डाउनलोड स्पीड मिलती है। भारत में स्टारलिंक अपनी सेवाएं शुरू करते हुए $10 प्रति माह (लगभग 857 रुपये) के अनलिमिटेड डेटा प्लान के साथ आ सकता है, जो इसे प्रतिस्पर्धी और सुलभ बनाएगा।
यह तकनीक विशेष रूप से उन दूर-दराज के इलाकों के लिए महत्वपूर्ण है जहां इंटरनेट पहुंचना मुश्किल है। GMPCS लाइसेंस मिलने के बाद भारत का सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेक्टर तेजी से बढ़ेगा और देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। संचार मंत्री सिंधिया ने कहा, “अब सैटेलाइट टेलीकॉम सेवाएं पूरे देश में तेजी से शुरू होंगी और इससे ग्राहकों की संख्या काफी बढ़ेगी।”