
हाथरस 14 अप्रैल । न्यायालय द्वारा पारित अस्थायी निषेधाज्ञा का उल्लंघन और आदेश की अवमानना करने के मामले में नगर पंचायत हसायन की तत्कालीन अध्यक्ष, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी सहित सात लोगों को तीन माह के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उप जिलाधिकारी सिकंदराराऊ को आदेशित किया है कि विवादित भूमि में जिस नाले के पानी के बहाव को खोला गया है, उसे एक महीने के अंदर बंद कराना सुनिश्चित करें। नगर पंचायत हसायन द्वारा बीते सात वर्षों से खेतों में बहाए जा रहे दूषित जल से क्षेत्रीय किसानों को भारी नुकसान हो रहा था और उनकी फसलें तबाह हो रही थीं। प्रभावित किसानों में सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर वीरपाल सिंह भी शामिल हैं। उनके खेतों में भी यह प्रदूषित पानी वर्षों से बह रहा था। उन्होंने इस समस्या से निजात पाने के लिए न्यायालय सिविल जज (जूनियर डिवीजन) में वाद दाखिल किया था।न्यायालय ने इस मामले सुनवाई करते हुए पांच दिसंबर 2020 को अस्थायी निषेधाज्ञा (स्टे) जारी कर दिया था।अग्रिम नियत तिथि तक मौके पर यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। वीरपाल सिंह और उनकी पत्नी ने न्यायालय द्वारा पारित आदेश का उल्लंघन करने के मामले में तत्कालीन नगर पंचायत हसायन की अध्यक्ष वेदवती माहौर, अधिशासी अधिकारी सत्यपाल सिंह सहित सात के खिलाफ अवमानना के संबंध में वाद योजित किया। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) न्यायालय सिकंदराराऊ ने सुनवाई के बाद नगर पंचायत हसायन की पूर्व चेयरमैन वेदवती माहौर, उनके प्रतिनिधि पति चंद्रप्रकाश माहौर, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी सत्यपाल सिंह , लेखा लिपिक रामनिवास, वरिष्ठ लिपिक बाबूराम, सफाई कर्मचारी जयप्रकाश बघेल, मुख्य प्रतिनिधि रोहताश माहौर को न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का दोषी मानते हुए तीन माह के कारावास की सज़ा सुनाई है।