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नई दिल्ली 11 जून । राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है। देशभर में केरल और गुजरात के बाद अब दिल्ली कोरोना के सक्रिय मरीजों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। दिल्ली में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 757 हो गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं।

24 घंटे में 66 नए मरीज, 90 हुए ठीक

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना के 66 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि 90 मरीजों ने संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ होकर छुट्टी ली है। राहत की बात यह रही कि इस अवधि में कोई नई मौत दर्ज नहीं की गई। हालांकि, इस साल एक जनवरी से अब तक दिल्ली में कोरोना से 8 मौतें हो चुकी हैं और 1322 कुल मामले सामने आए हैं। देश के अन्य राज्यों की बात करें तो केरल में 2223, गुजरात में 1223, पश्चिम बंगाल में 747 और महाराष्ट्र में 615 सक्रिय कोरोना मरीज हैं। दिल्ली अब 757 मरीजों के साथ तीसरे नंबर पर है।

लक्षण हल्के लेकिन सतर्कता जरूरी

विशेषज्ञों के अनुसार इस बार कोरोना के मरीजों में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे सामान्य लक्षण ही दिख रहे हैं, लेकिन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बुजुर्गों, नवजात बच्चों और युवतियों में संक्रमण के बाद गंभीर स्थिति बन सकती है। डॉक्टरों ने सतर्कता बरतने और मास्क पहनने की सलाह दी है। अस्पताल परिसरों में मास्क को लेकर एडवाइजरी पहले से लागू है।

रैपिड टेस्ट किट नहीं, RT-PCR पर निर्भरता

कोरोना जांच की बात करें तो इस समय दिल्ली के अस्पतालों में RT-PCR टेस्ट के ज़रिए जांच की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे में उपलब्ध हो रही है। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर के अनुसार, मरीजों से नाक और गले का स्वैब सैंपल लेकर जांच की जा रही है। हालांकि रैपिड एंटीजन टेस्ट किट अभी उपलब्ध नहीं है, जो कुछ ही मिनटों में कोरोना की पुष्टि कर सकती है। दिल्ली की निजी लैब्स भी RT-PCR टेस्ट के माध्यम से जांच कर रही हैं और रिपोर्ट एक दिन में उपलब्ध करा रही हैं।

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