नई दिल्ली 29 जून । यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने टिकट आरक्षण प्रणाली में कई अहम सुधारों की घोषणा की है। इनका उद्देश्य वेटिंग लिस्ट की अनिश्चितता को कम करना, तत्काल टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाना और यात्रियों को एक स्मार्ट व सरल अनुभव देना है। रेलवे बोर्ड के अनुसार, अब ट्रेनों के प्रस्थान से 8 घंटे पहले आरक्षण चार्ट तैयार किया जाएगा। इसका सीधा लाभ उन यात्रियों को मिलेगा, जो दूरदराज से यात्रा कर रहे हैं या फिर अंतिम समय में कन्फर्म टिकट का इंतजार कर रहे होते हैं।
अब जल्दी मिलेगा कन्फर्म टिकट का पता
इस निर्णय के अनुसार, दोपहर 2 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के आरक्षण चार्ट रात 9 बजे तक तैयार कर दिए जाएंगे। इससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को पहले ही पता चल जाएगा कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं, जिससे वे वैकल्पिक यात्रा योजना बना सकेंगे।
नई पीआरएस प्रणाली : एक मिनट में 1.5 लाख टिकट
रेलवे ने अपनी नई यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) की क्षमता में भारी इज़ाफा किया है। अब प्रति मिनट 1.5 लाख से अधिक टिकट बुक किए जा सकेंगे, जो पहले के मुकाबले कहीं अधिक है। नई प्रणाली दिसंबर 2025 तक पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वयं इस परियोजना की समीक्षा की और इसे “यात्री-केंद्रित और तकनीकी रूप से सक्षम बदलाव” बताया। नए सिस्टम में बहुभाषी इंटरफेस, सीट पसंद की सुविधा, और किराया कैलेंडर जैसी उपयोगकर्ता-अनुकूल खूबियाँ भी होंगी।
तत्काल टिकट के लिए अब ओटीपी आधारित सत्यापन
रेलवे ने तत्काल टिकटों में दलालों और फर्जी बुकिंग पर रोक लगाने के लिए 1 जुलाई 2025 से ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। अब सिर्फ प्रमाणित उपयोगकर्ता ही तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे। इस प्रमाणीकरण के लिए यात्री डिजिलॉकर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें आधार कार्ड या अन्य सरकारी आईडी से वेरिफिकेशन किया जाएगा। रेलवे ने पहले ही मान्य दस्तावेजों की सूची जारी कर दी है।
नया सिस्टम 10 गुना अधिक लोड संभालने में सक्षम
रेलवे की नई पीआरएस प्रणाली, जिसे CRIS विकसित कर रहा है, मौजूदा लोड से दस गुना अधिक दबाव को संभालने में सक्षम होगी। जहां वर्तमान प्रणाली प्रति मिनट लगभग 32,000 टिकट बुक कर सकती है, वहीं नया सिस्टम 1.5 लाख से ज्यादा टिकट बुक करने में सक्षम होगा। टिकट पूछताछ की क्षमता भी 4 लाख प्रति मिनट तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा, दिव्यांगजनों, मरीजों, छात्रों आदि के लिए एकीकृत सेवाएं उपलब्ध होंगी।