लखनऊ 04 जुलाई । प्रदेश सरकार ने आमजन को राहत देते हुए विकास प्राधिकरणों की मनमानी और अनावश्यक वसूली पर लगाम कसने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में “उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां एवं आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025” को मंजूरी दे दी गई है। इस नई व्यवस्था के तहत अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंड पर निर्माण के लिए नक्शा पास कराना जरूरी नहीं होगा। केवल संबंधित विकास प्राधिकरण में पंजीकरण कराने के बाद निर्माण किया जा सकेगा।
मिश्रित भू-उपयोग की मिली छूट
- अब शहरों में चौड़ी सड़कों पर मकान के साथ दुकान भी बन सकेगी।
- 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर चौड़ी सड़क
- 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क पर आवासीय के साथ व्यावसायिक निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
छोटे प्लॉट्स पर नक्शा पास कराने की बाध्यता खत्म
- 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंडों पर नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं होगा।
- केवल विकास प्राधिकरण में पंजीकरण कराकर निर्माण की अनुमति होगी।
ऑनलाइन नक्शा होगा ट्रस्ट-बेस्ड स्वीकृत
स्वीकृत ले-आउट क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर तक के आवासीय, 200 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंडों के नक्शे अब ऑनलाइन दाखिल करने पर ट्रस्ट-बेस्ड स्वीकृति मानी जाएगी।
एफ.ए.आर. में बदलाव और ऊंची इमारतों की छूट
- 45 मीटर चौड़ी सड़क पर एफ.ए.आर. (Floor Area Ratio) की सीमा समाप्त कर दी गई है।
- अब ऊंची इमारतों का निर्माण आसान होगा।
- ग्रीन-रेटेड भवनों को अतिरिक्त मुफ्त एफ.ए.आर. भी मिलेगा।
अब 18 मीटर सड़क पर बन सकेंगे शॉपिंग मॉल
- 7 मीटर सड़क पर हेरिटेज होटल/उद्योग
- 9 मीटर पर प्राथमिक विद्यालय और बिना बेड वाले मेडिकल क्लीनिक
- 18 मीटर पर शॉपिंग मॉल की अनुमति होगी।
सेवा प्रोफेशनल्स को भी राहत
आर्किटेक्ट, डॉक्टर, वकील, सीए जैसे प्रोफेशनल अब अपने घर का 25% हिस्सा कार्यालय में बदल सकते हैं, बशर्ते पार्किंग की व्यवस्था हो। इसके लिए अलग से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी।
भवन ऊंचाई पर भी प्रतिबंध समाप्त
- अब भवन की ऊंचाई का निर्धारण एफ.ए.आर. के अनुसार होगा।
- 15 मीटर से ऊंचे भवनों के लिए सेटबैक में राहत दी गई है।
ग्रुप हाउसिंग और अस्पतालों के लिए भी नई व्यवस्था
- ग्रुप हाउसिंग के लिए न्यूनतम भूखंड सीमा
- बिल्टअप क्षेत्र में 1000 वर्ग मीटर
- अनिर्मित क्षेत्र में 1500 वर्ग मीटर
- अस्पताल व मॉल अब 3000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर बन सकेंगे।
पार्किंग के लिए नए प्रावधान
- 4000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के लिए अलग पार्किंग ब्लॉक अनिवार्य।
- स्कूलों में बस पार्किंग व पिक-ड्रॉप ज़ोन,
- अस्पतालों में एंबुलेंस पार्किंग की अलग व्यवस्था अनिवार्य की गई।