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सिकंदराराऊ (हसायन) 14 नवम्बर । कस्बा के इन्द्रनगर–सिकतरा मार्ग पर लंबे समय से बनी जलभराव की समस्या को दूर कराने के लिए नगर पंचायत द्वारा कराई गई नाला खुदाई अब विवादों में घिर गई है। उच्चतम न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता व मोहल्ला अहीरान निवासी पुष्पेन्द्रवीर प्रताप सिंह ने नाला खुदाई को न्यायालय आदेश की अवहेलना बताया है। अधिवक्ता पुष्पेन्द्रवीर प्रताप सिंह के अनुसार, 13 नवंबर (बृहस्पतिवार) को जलभराव की शिकायत पर मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी सिकंद्राराऊ संजय सिंह ने न्यायालय के स्पष्ट स्टे आदेश को देखे बिना ही उनकी कृषि भूमि की ओर जबरन नाला खुदवाने के निर्देश दे दिए। उनका आरोप है कि एसडीएम ने नगर पंचायत हसायन के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर पहले भी तीन बार नगर पंचायत और फैक्ट्रियों का गंदा पानी उनके खेतों की ओर छोड़ा है, जबकि प्राकृतिक बहाव नगर के दूसरी ओर है। उन्होंने बताया कि इस अवैध जल निकासी के चलते उनकी ग्राम छीतूपुर स्थित कृषि भूमि की फसलें पिछले आठ वर्षों से लगातार नष्ट हो रही हैं, जिससे भारी आर्थिक व मानसिक क्षति हुई है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि उनके पिता, रिटायर्ड उपडाकपाल वीरपाल सिंह यादव, जब एसडीएम को कोर्ट आदेश की प्रति दिखा रहे थे, तब एसडीएम ने उनसे अभद्र व्यवहार करते हुए उन्हें न्यायालय जाने की धमकी दी। अधिवक्ता पुष्पेन्द्रवीर प्रताप सिंह ने इस कार्यवाही को कोर्ट के स्टे आदेश की खुली अवमानना बताते हुए निष्पक्ष जांच, संबंधित अधिकारियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई और प्रदूषित जल के प्रवाह को तत्काल रोकने की मांग की है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर वह हाईकोर्ट में वाद दायर कर कठोर कार्रवाई की मांग करेंगे। इस संबंध में उपजिलाधिकारी सिकंद्राराऊ संजय सिंह का कहना है कि इन्द्रनगर–सिकतरा मार्ग पर पिछले पांच वर्षों से जलभराव की गंभीर समस्या बनी हुई थी। न्यायालय के एक आदेश के कारण पानी की निकासी बाधित थी। उन्होंने बताया कि अंतरिम व्यवस्था के तहत जलभराव से राहत देने के लिए एक छोटा नाला बनवाया गया है, जिससे फिलहाल समस्या का समाधान किया गया है।

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