
हाथरस 31 अक्टूबर । काका हाथरसी स्मारक सभागार में रविवार को काका हाथरसी स्मारक समिति के तत्वाधान तथा बृज कला केन्द्र, संस्कार भारती और राष्ट्रीय कवि संगम के संयुक्त सहयोग से संगीत साधक, सुप्रसिद्ध ग्रंथकार और बृजभाषा फिल्म ‘जमुना किनारे’ के निर्देशक पद्मश्री काका हाथरसी के सुपुत्र डॉ. लक्ष्मीनारायण गर्ग की 93वीं जयंती पर भव्य काव्य एवं संगीत प्रस्तुति का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की संपूर्ण व्यवस्था संगीत कार्यालय द्वारा की गई। अमेरिका प्रवासी काका हाथरसी के पोत्र अशोक गर्ग द्वारा समाजसेवी एवं साहित्यकारों के सम्मान से कार्यक्रम का स्नेहमय वातावरण और भी गरिमामय हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ विशिष्ट अतिथि पं. देवस्वरूप शर्मा, डॉ. रमेश गुलाठी, डॉ. राजीव लोचन उपाध्याय एवं डॉ. चतुरसैन ने मां सरस्वती, काका हाथरसी और डॉ. लक्ष्मीनारायण गर्ग के चित्रों पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर उभरती युवा कवयित्री उन्नति भारद्वाज को डॉ. लक्ष्मीनारायण गर्ग स्मृति सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।

कवि सम्मेलन में गूंजे सरस्वती वंदना और व्यंग्य-ओज
आशु कवि अनिल बौहरे ने कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए लक्ष्मीनारायण गर्ग को समर्पित पंक्तियाँ सुनाकर माहौल भावपूर्ण कर दिया—
“संगीत साधक लक्ष्मीनारायण की जयंती पर करते गुणगान,
हाथरस के इस सपूत ने किया, संगीत ग्रंथ लेखन में उत्थान।”
वरिष्ठ कवयित्री मीरा दीक्षित ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की—
“बांसुरी हो तो मैं चुरा लेती, प्यार के गीत गुनगुना लेती।”
युवा कवयित्री उन्नति भारद्वाज ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं की खूब सराहना बटोरी—
“जमाना भूल जाता है सुबह होते ही शाम के किस्से,
पर सबकी जुबां पर रहेंगे लक्ष्मीनारायण के किस्से।”
इसके बाद उन्होंने ओजपूर्ण पंक्तियाँ सुनाईं—
“समय कह रहा हिन्दू का जगना जरूरी है,
सनातन की रक्षा हित लड़ना भी जरूरी है।”
ग़ाफ़िल स्वामी ने व्यंग्य कविताओं से हंसी के ठहाके लगवाए—
“बन बराती चले, हमारा मन अति फूला,
उसी कार में घुस गए जिसमें बैठा दूल्हा।”
पूरन सागर ने सामाजिक संदेश दिया—
“पीने वाले जो भी पीते शराब है,
देखो उनकी जिंदगी खराब है।”
अशोक गर्ग और चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने काका हाथरसी की चुनिंदा रचनाओं का वाचन किया। प्रभूदयाल दीक्षित ‘प्रभू’ की संगीत वादन और चाहत शर्मा की गायन प्रस्तुति ने कार्यक्रम में मधुरता घोल दी। अशोक गर्ग द्वारा सम्मानित होने वालों में डा. सुनीता उपाध्याय, रितु गौतम, पूजा वर्मा, ऋषि कौशिक, अविनाश पचौरी, रूपराम शर्मा, विद्यासागर विकल, जीवनलाल शर्मा, सुरेश अग्रवाल, वीरेंद्र पाठक सहित दर्जनों साहित्यकार, समाजसेवी एवं कलाकार शामिल रहे। इसी क्रम में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल द्वारा जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में अशोक गर्ग का भी सम्मान प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर किया गया। कार्यक्रम का संयोजन डा. रमेश गुलाठी ने किया। संगीत कार्यालय की व्यवस्था में शरण गोपाल, लक्ष्मण सिंह, सुधीर कुमार, मनीष कुमार, मीतेश कुमार और सूरजपाल का विशेष सहयोग रहा। संचालन अनिल बौहरे, डॉ. जितेंद्र शर्मा और चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने किया।











