लखनऊ 29 जून । भारत में सोने की तस्करी का खेल अब पारंपरिक तरीकों से हटकर नई राहों और माध्यमों से खेला जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के हालिया इनपुट्स और फील्ड रिपोर्ट्स के आधार पर सामने आया है कि नेपाल सीमा से लगी उत्तर प्रदेश की सीमाओं के ज़रिए सोने की तस्करी न केवल ज़ोर पकड़ रही है, बल्कि इसमें अवैध बसों और ट्रेवलर्स की भी अहम भूमिका सामने आ रही है।
पुराना रास्ता बंद, अब नया जाल बिछा
डीआरआई की बिहार में की गई ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद जब ट्रेनों से सोने की तस्करी पर रोक लगी, तो तस्करों ने उत्तर प्रदेश की सीमाओं की ओर रुख कर लिया। अब नेपाल बॉर्डर से सटे महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती जिलों से चलने वाली अवैध पर्यटक बसें और ट्रेवलर इस नेटवर्क का नया साधन बन गए हैं।
रुपईडीहा से निकली ट्रेवलर में चौंकाने वाले तथ्य
एक भरे-पूरे खुलासे में सामने आया है कि रुपईडीहा के अवैध बस स्टैंड से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रेवलर और बसें पंजाब, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली व अन्य शहरों की ओर जा रही हैं। हमारी टीम ने भी एक चंडीगढ़ नंबर की ट्रेवलर में यात्रा की। 26 सीटर ट्रेवलर में 35 लोग सवार थे, जिनमें 12 नेपाली युवतियां शामिल थीं। न कोई चेकिंग, न कोई स्कैनिंग। डिक्की में क्या सामान रखा गया है, यह देखने वाला भी कोई नहीं था।
चाय, टॉर्च और रिश्वत का खेल
सफर के दौरान नानपारा, मिहिंपुरवा और परसा में कुछ सिपाहियों ने चालक की ओर टॉर्च की रोशनी की। चालक ने झट से हाथ बढ़ाया और वाहन बिना रोक-टोक निकल गया। यह संकेत है कि स्थानीय स्तर पर भी मिलीभगत तस्करी के इस नेटवर्क को खुली छूट देती है।
एक किलो पर ₹13.50 लाख मुनाफा
सिद्धार्थनगर बॉर्डर पर सक्रिय असगर के मुताबिक, चीन में 10 ग्राम सोना ₹84,000 में, जबकि भारत में ₹98,594 में बिक रहा है। नेपाल के रास्ते भारत में इसे लाने पर प्रति 10 ग्राम ₹14,448 का मुनाफा है। यदि इसे किलो में बदलें तो यह मुनाफा ₹14.48 लाख तक पहुंचता है। इसमें ₹1 लाख के खर्च को घटा दिया जाए, तो भी प्रति किलो तस्करी में ₹13.50 लाख तक की कमाई होती है।
वजन का खेल भी भारी पड़ता है
नेपाल गोल्ड एंड सिल्वर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अनुसार, नेपाल में 1 तोला = 11.664 ग्राम होता है, जबकि भारत में यह केवल 10 ग्राम माना जाता है। तस्कर इस अंतर का भी फायदा उठाते हैं, जिससे अतिरिक्त मुनाफा हो जाता है।
मुंबई से पकड़ा गया ₹18 करोड़ का सोना
10 मई 2025 को डीआरआई ने मुंबई में तीन तस्करों — हितेश, राजेश और विजय कुमार को 18 करोड़ रुपये के सोने के साथ पकड़ा। यह सोना हांगकांग से नेपाल और फिर बिहार के रास्ते भारत में आया था। योजना के अनुसार, इसे पिघलाकर राजस्थान के कोटा में ज्वेलरी बनानी थी, जो फिर पंजाब, लखनऊ और हिमाचल के व्यापारियों को बेची जाती।
आंकड़े और चेतावनी
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में 4,869.6 किलोग्राम तस्करी का सोना जब्त किया गया। वहीं, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट बताती है कि नेपाल से प्रतिवर्ष करीब 10 टन सोने की तस्करी भारत में होती है। यह सोना शुद्धता के उच्चतम स्तर (99.9%) पर होता है।
आईजी का बयान
आईजी देवीपाटन रेंज अमित पाठक ने बताया “सभी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जैसे ही कोई इनपुट मिलता है, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाती है। सभी संबंधित थानों को अलर्ट मोड में रखा गया है।”