हाथरस 09 जून । राज्य कर विभाग हाथरस के नए कार्यालय भवन के लिए शासन और प्रशासन द्वारा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर गांव केवलगड़ी के संपर्क मार्ग को चुना गया है। भवन के नक्शा और एस्टीमेट की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। वहीं, इस प्रस्तावित स्थान को लेकर जिले के व्यापारियों, अधिवक्ताओं और जीएसटी प्रैक्टिशनरों में असंतोष व्याप्त है। डिस्ट्रिक्ट टैक्स बार एसोसिएशन ने प्रस्तावित स्थल केवलगड़ी को अनुपयुक्त और असुरक्षित बताते हुए स्पष्ट असहमति जताई है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि जीएसटी कार्यालय में छोटे-बड़े व्यापारियों को समय-समय पर जाना पड़ता है। ऐसे में 10 किलोमीटर दूर, सुनसान और असुरक्षित स्थान तक पहुँचना न सिर्फ समयसाध्य बल्कि जोखिमपूर्ण भी होगा। विशेषकर महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और छोटे व्यापारियों के लिए यह स्थान अत्यंत असुविधाजनक रहेगा। जीएसटी पंजीयन, बायोमेट्रिक प्रक्रिया, नोटिस व अन्य दस्तावेजी कार्यों के लिए व्यापारियों को बार-बार कार्यालय आना पड़ता है। यदि सिस्टम खराब हो या अधिकारी अनुपस्थित हो तो व्यापारी को बार-बार आना-जाना पड़ेगा, जो कि केवलगड़ी जैसे दूरस्थ क्षेत्र में और भी कठिन होगा।
डिस्ट्रिक्ट टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम प्रकाश वार्ष्णेय एडवोकेट, सचिव विनोद कुमार अग्रवाल एडवोकेट, कोषाध्यक्ष दुर्गेश चतुर्वेदी एडवोकेट और संरक्षक गिरीश चंद्र शर्मा एडवोकेट ने बताया कि इस विषय में राज्य कर आयुक्त, अपर आयुक्त (अलीगढ़), संयुक्त आयुक्त (मथुरा), डिप्टी कमिश्नर हाथरस, सहित जिलाधिकारी हाथरस, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष आदि को पत्र, ज्ञापन और डेलीगेशन के माध्यम से इस समस्या से अवगत कराया गया है। विभिन्न व्यापार संगठनों जैसे ऑल इंडिया फाउंडेशन व्यापार मंडल एवं अन्य व्यापार मंडलों ने भी केवलगड़ी स्थान के चयन का विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि यदि कार्यालय को इस दूरस्थ स्थान पर स्थानांतरित किया गया, तो व्यापारी वर्ग इसका पुरजोर विरोध करेगा।
व्यापारियों का कहना है कि जो कार्यालय सरकार को सर्वाधिक राजस्व देता है, उसे शहर से हटाकर एकांत व असुरक्षित स्थान पर भेजना न्यायसंगत नहीं है। कार्यालय को शहर के भीतर सुरक्षित व सुलभ स्थान पर ही स्थापित किया जाना चाहिए। डिस्ट्रिक्ट टैक्स बार एसोसिएशन ने समस्त व्यापार मंडलों, व्यापारी वर्ग और जीएसटी प्रैक्टिशनरों से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवश्यक कार्रवाई करें, जिससे जीएसटी कार्यालय को एक सुविधाजनक, सुरक्षित और सुलभ स्थान पर स्थापित कराया जा सके।