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हाथरस 14 अप्रैल । तापमान बढ़ने के कारण आवारा कुत्तों का व्यवहार अब और भी आक्रामक हो गया है। शहर से लेकर देहात तक कुत्तों का आतंक बढ़ गया है, जिससे लोग घर से बाहर निकलने में भी डरने लगे हैं। कुत्ते राह चलते लोगों पर हमला बोल रहे हैं, और रात के समय सड़कों पर इनका जमावड़ा देखने को मिलता है। सड़कों से गुजर रहे वाहनों के पीछे ये दौड़ते हैं और पैदल चलने वाले लोगों पर हमला करते हैं। इस स्थिति के कारण हाथरस जिला अस्पताल में एआरवी (एंटी रेबिज वैक्सीनेशन) लगवाने वाले मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पिछले एक महीने में लगभग 1500 लोग रेबीज इंजेक्शन के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टर सूर्यप्रकाश के अनुसार, गर्मी बढ़ने से कुत्तों का व्यवहार चिड़चिड़ा हो जाता है, और वे लोगों को काट लेते हैं।

कुत्ता के काटने पर क्या करें ? कुत्ते के काटने पर सबसे पहले घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह से साफ करें। घाव पर एंटीबायोटिक क्रीम लगाकर, तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। देसी दवाओं या जड़ी-बूटियों का उपयोग न करें और रेबीज इंजेक्शन को न छोड़ें। डॉक्टर ने लोगों से इस बारे में विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।

सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एआरवी सरकारी अस्पतालों में रेबीज से बचाव के लिए एआरवी 24 घंटे उपलब्ध रहती है, जो निशुल्क प्रदान की जाती है। जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी पर यह सेवा उपलब्ध है। कुत्ते, बंदर, या बिल्ली के काटने पर तुरंत एआरवी लगवाना बेहद महत्वपूर्ण है।

डॉ. सूर्यप्रकाश ने कहा कि रेबीज से होने वाली मौतों को कम करने के लिए यह जरूरी है कि लोग किसी भी स्थिति में लापरवाही न बरतें और तुरंत उपचार करवाएं।

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