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मथुरा 12 मार्च । राष्ट्र को कुशल और सक्षम फार्मेसी कार्यबल प्रदान करने को प्रतिबद्ध राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी मथुरा को शारदा स्कूल ऑफ फार्मेसी शारदा यूनिवर्सिटी आगरा द्वारा “शारदा फार्मा 2025 इनोवेशंस “सेविंग द फ्यूचर ऑफ़ फार्मेसी 2के30” के राष्ट्रीय फार्मा कॉन्क्लेव में दोहरी सफलता मिली। राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी की असिस्टेंट प्रो. वर्षा स्नेही के ओरल प्रजेंटेशन तथा असिस्टेंट प्रो. ऋतिक वर्मा को ई-पोस्टर श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

राष्ट्रीय फार्मा कॉन्क्लेव में प्रो. आर.के. खार (पूर्व डीन हमदर्द यूनिवर्सिटी दिल्ली), प्रो. जीटी कुलकर्णी (डीन देहरादून इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), डॉ. दीपेंद्र सिंह (अध्यक्ष एजूकेशन रेगुलेशन कमेटी पीसीआई) एवं डॉ. पूजा शर्मा (सीईओ अपार हेल्थ केयर गुड़गांव) आदि की उपस्थिति में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शैक्षिक संस्थानों के शोधार्थी शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने सभी पर विचार मंथन करने के बाद राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी की असिस्टेंट प्रो. वर्षा स्नेही के शोध “इन सिलिको इवेल्यूएशन ऑफ शिफ बेस डेरिवेटिव: मॉलेक्युलर डॉकिंग ड्रग लाइकनेस एंड एडीएमई टाक्सीसिटी स्टडीज” के ओरल प्रजेंटेशन को प्रथम स्थान प्रदान किया। इसी तरह असिस्टेंट प्रो. ऋतिक वर्मा ने “रोल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस इन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री” पर व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसमें ई-पोस्टर श्रेणी में उन्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक श्री मनोज अग्रवाल तथा संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) देवेन्द्र पाठक ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के प्राध्यापकों प्रो. वर्षा स्नेही तथा प्रो. ऋतिक वर्मा को बधाई दी। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में हम सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान से आगे नहीं बढ़ सकते युवाओं को अपने-अपने विषयों में अनुसंधान पर जोर देना चाहिए। अनुसंधान को बढ़ावा देने से युवा पीढ़ी गुणात्मक शोध दृष्टिकोणों को नियोजित करने के मूल्यों तथा उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को तेजी से पहचान पाएगी।

निदेशक प्रो. (डॉ.) देवेन्द्र पाठक ने कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी का उद्देश्य ही राष्ट्र को कुशल और सक्षम फार्मेसी कार्यबल प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ ही प्राध्यापकों को भी विभिन्न अनुसंधानों की तरफ प्रेरित किया जाता है, ताकि वास्तविक दुनिया की स्वास्थ्य समस्याओं के व्यावहारिक समाधान खोजे जा सकें। उन्होंने कहा कि फार्मेसी शिक्षा में शोध ज्ञान को आगे बढ़ाता है और स्वास्थ्य सेवा तथा औषधि विज्ञान विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी को तैयार करता है।

डॉ. पाठक ने कहा कि कुशल और सक्षम फार्मेसी कार्यबल एक सम्पन्न स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह दवा के सुरक्षित और लागत प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शारदा यूनिवर्सिटी के इस फार्मा कॉन्क्लेव में राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के प्रो. (डॉ.) हिमांशु चोपड़ा, आर.के. चौधरी, सौम्यदीप, कुलदीप एवं अविनाश मिश्रा आदि ने भी सहभागिता की।

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