सिकंदराराऊ (हसायन) 04 अक्टूबर । स्थानीय कस्बा के मोहल्ला जाटवान में एक ही परिवार के सात सदस्यो के डेंगू बुखार से पीडित होने की सूचना मिलने के बाद जैसे ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो के द्वारा भेजी गई स्वास्थ्य टीम के कस्बा में पहुंचते ही अप्रशिक्षित स्तर के अपंजीकृत होने के बाद चिकित्सकीय कार्य कर रहे झोलाछाप चिकित्सको में हडकंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की स्वास्थ्य टीम के पहुंचते कस्बा के बाजार के अलावा विभिन्न जगह स्थानो पर अवैध रूप से संचालित क्लीनिक प्रतिष्ठान को जल्द से जल्द बंद कर फरार हो गए। बुखार के प्रकोप शुरू होते ही कस्बा में अवैध रूप से अपंजीकृत अप्रशिक्षित स्तर के झोलाछाप चिकित्सकों के द्वारा अवैध रूप से संचालित पैथौलॉजी लैब संचालको से सांठगांठ कर बुखार पीडित मरीज के कमजोर व शारीरिक गिरावट की जानकारी दिए जाने के दौरान चिकित्सक के इशारे पर तैयार होने वाली फर्जी रक्त परीक्षण नमूना रिपोर्ट के आधार पर मरीज को डैंगू बुखार घोषित कर उपचार करना प्रारंभ कर दिया जाता है। अप्रशिक्षित स्तर के चिकित्सको के द्वारा किए जा रहे गलत उपचार के कार्य की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो को होने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नही होने से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे है। शुक्रवार को मोहल्ला जाटवान में स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचते ही झोलाछाप अप्रशिक्षित स्तर के चिकित्सक व पैथौलॉजी लैब संचालक अपने अपने अवैध रूप से संचालित हो रहे प्रतिष्ठान क्लीनिक के अलावा अपंजीकृत हॉस्पीटल को बंद कर फरार हो गए।बुखार के प्रकोप के दौरान पांच दिनो पूर्व कस्बा के एक अप्रशिक्षित अपंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर पर एसीएमओ राकेश अग्निहोत्री के द्वारा छापमार कार्यवाही की गई थी। उस वक्त भी झोलाछाप फरार हो गए थे। एसीएमओ के द्वारा छापेमारी किए जाने के बाद भी आज तक कार्यवाही नही होने से अल्ट्रासाउंड सेंटर के साथ अप्रशिक्षित चिकित्सको के प्रतिष्ठान क्लीनिक हॉस्पीटलो का संचालन निरंतर रूप से होना स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारो की खानापूर्ति कर की गई छापामार कार्यवाही पर सवालिया प्रश्न चिन्ह लगा रही है।